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Explainer : क्या होती है लोन गारंटी स्कीम? वित्त मंत्री की घोषणाओं से आम आदमी को क्या फायदा?

शरद अग्रवाल
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2021,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST
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कोरोना से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य और पर्यटन क्षेत्र के लिए जहां नई लोन गारंटी स्कीम की घोषणा की. तो वहीं एमएसएमई इत्यादि के लिए पिछले साल शुरू की गई ECLGS का विस्तार भी किया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये लोन गारंटी स्कीम होती क्या है और इससे आम आदमी या अर्थव्यवस्था को कैसे फायदा होता है. जानें यहां...
 

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हम जब भी बैंक से किसी तरह का लोन लेने जाते हैं तो बैंक गारंटी की मांग करता है. होम लोन के मामले में गारंटी आपके घर के पेपर्स होते हैं. वहीं अन्य तरह के लोन में कोई व्यक्ति गारंटर बनता है. गारंटर का काम बैंक को भरोसा दिलाना होता है कि लोन लेने वाला व्यक्ति लोन चुकाएगा और अगर नहीं चुकाया गया तो इसकी जिम्मेदारी उसकी होगी. (Photo : Getty)

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सरकार की क्रेडिट गारंटी स्कीम एक तरह से बैंकों को ये भरोसा दिलाने के लिए है कि वो जरूरतमंद लोगों को लोन देने में आनाकानी ना करें, क्योंकि इस स्कीम के तहत वह जितना लोन बांटेंगे उस पर सरकार की गारंटी रहेगी. यानी लोन की वसूली नहीं होने पर सरकार उतना पैसा बैंक को देगी. लेकिन क्या इससे कर्जदार की लोन चुकाने की जिम्मेदारी कम हो जाती है? (Photo : Getty)

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क्रेडिट गारंटी स्कीम में भले सरकार लोन की गारंटर बनती हो, लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल नहीं कि लोन लेने वाला कर्ज चुकाने से बच सकता है. कर्ज लेने वाले पर उसे चुकाने की जिम्मेदारी पहले की तरह रहती है. यदि वह कर्ज चुकाने में असफल रहता है तो उसे डिफॉल्टर माना जाएगा, उसका सिबिल खराब होगा और उसे भविष्य में लोन लेने में दिक्कत आएगी. (Photo : Getty)

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लोन गारंटी स्कीम का आम आदमी को फायदा ये होगा कि जब भी वो स्कीम के तहत बैंक में लोन के लिए एप्लाई करेगा तो बैंक लोन देने में आनाकानी नहीं करेंगे. क्योंकि सरकार की गारंटी के चलते लोन देने से जुड़ा बैंक का जोखिम सरकार का होगा. ऐसे में लोगों को आसानी से ऋण मिल सकेगा और वो अपनी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे. (Photo : Getty)

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आजकल बाजार में लोन इंश्योरेंस जैसे विकल्प भी मौजूद हैं. ये भी बैंक के जोखिम को कम करने और लोन लेने वाले के लिए गारंटर के तौर पर काम करने में मदद करते हैं. लोन इंश्योरेंस के तहत लोन लेने वाले को एक फिक्स अमाउंट देना होता है और उसके बदले में उसके पूरे लोन की जिम्मेदारी इंश्योरेंस कंपनी की होती है. यदि लोन चालू रहने की अवधि में कर्जदार के साथ कोई अनहोनी होती है तो बैंक को लोन का बचा अमाउंट इंश्योरेंस कंपनी चुकाती है और इस स्थिति में लोन लेने के समय गारंटी देने वाला व्यक्ति लोन चुकाने की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता है. (File Photo)

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सरकार की लोन गारंटी स्कीम अर्थव्यवस्था में कैश फ्लो बढ़ाने का काम करती है. जब बैंक का लोन देने से जु़ड़ा जोखिम कम हो जाता है तो लोगों को आसानी से लोन मिलता है. इससे अर्थव्यवस्था में कैश फ्लो बढ़ता है और रुकी हुई गतिविधियों को गति देने में मदद मिलती है. इस तरह अर्थव्यवस्था का पहिया फिर घूमने लगता है. (Photo : Getty)

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