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भविष्य में ये क्रिप्टोकरेंसी हो सकती है नंबर-1, है बिटकॉइन को पछाड़ने का दम?

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2021,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST
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बीते कुछ महीनों में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बहुत ज्यादा उथल-पुथल रही है. इस दौरान बिटकॉइन जैसी मजबूत क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में 50% तक की गिरावट देखी गई है. इसके बाद से एक्सपर्ट्स को चिंता सताने लगी है कि क्या बिटकॉइन क्रिप्टो मार्केट की सरताज बनी रहेगी. (All Photos : File/Getty/Reuters)
 

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क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हाल के उतार-चढ़ाव के दौरान बिटकॉइन की वैल्यू ने 65,000 डॉलर के ऑल-टाइम हाई लेवल को छुआ, लेकिन ये डिजिटल करेंसी इस लेवल पर ज्यादा देर टिक नहीं सकी. इसकी वैल्यू ने लगभग 50% का गोता लगाया और ये  30,000 डॉलर प्रति बिटकॉइन रह गई.

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कॉइनगेको का डेटा दिखाता है कि बिटकॉइन का मार्केट शेयर भी गिरा है. 2020 की शुरुआत से पहले क्रिप्टोमार्केट में बिटकॉइन 70% क्रिप्टो मार्केट पर राज करता था. अब ये घटकर 42% पर आ गया है. अगर डॉलर के टर्म में देखें तो पूरे क्रिप्टोमार्केट की वैल्यू में कुल बिटकॉइन की वैल्यू 1,600 अरब डॉलर की रह गई है.

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बिटकॉइन की वैल्यू में गिरावट की दो बड़ी वजह है. इनमें से एक चीन का क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम कड़े करना. दूसरी वजह हैं टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क. बिटकॉइन को लेकर उनके बार-बार अपना रुख बदलने से इस डिजिटल करेंसी की वैल्यू को काफी चोट पहुंची है. लेकिन वो कौन सी करेंसी है जो बिटकॉइन को लगातार चुनौती दे रही है. 

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बिटकॉइन के बाद बाजार में एथेरियम को दूसरे नंबर की क्रिप्टोकरेंसी माना जाता है. ये लगातार बिटकॉइन की नंबर एक की पदवी को चुनौती दे रही है. बीते एक साल में एथेरियम की वैल्यू में 900% की ग्रोथ हुई है जबकि बिटकॉइन मात्र 275% चढ़ा है.

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मार्केट शेयर के मामले में भी एथेरियम ने अपने आप का मजबूत किया है. इसने मई महीने में बिटकॉइन से 350 अरब डॉलर का अंतर कम किया है. इस तरह इसकी हिस्सेदारी तो बढ़ी है, हालांकि ये अभी भी बिटकॉइन से काफी पीछे है.

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बिटकॉइन और एथेरियम की वैल्यू में गिरावट को अगर देखा जाए तो तो मई महीने में एथेरियम मात्र 11% गिरा है. जबकि बिटकॉइन की वैल्यू में 37% तक की गिरावट देखी गई है. एक्सपर्ट्स एथेरियम के मजबूत होने की क्या वजह मानते हैं...

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एथेरियम में निवेश करने वाले निवेशक और विशेषज्ञों का मानना है कि इस डिजिटल करेंसी के लगातार मजबूत होने की दो बड़ी वजह हैं. पहला ब्लॉकचेन बेस्ड फाइनेंशियल सर्विसेस की लोकप्रियता बढ़ना. दूसरा एथेरियम की टेक्नोलॉजी में होने जा रहा एक बड़ा अपग्रेड जो उसके काम करने के तरीके को बदल देगा. 

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डिजिटल करेंसी को माइन करने और मेंटेन करने में काफी ऊर्जा की खपत होती है. एथेरियम अपनी टेक्नोलॉजी में जो अपग्रेड करने जा रहा है उससे इसे चलाने में उपयोग होने वाली ऊर्जा में 99.5% तक की बचत होगी. जबकि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दे का सामना करना पड़ सकता है. इससे भविष्य में संभावना है कि ज्यादा लोग एथेरियम में निवेश करें.

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