इन चुनावों में कई मुद्दे लगातार हावी रहे जिन्होंने इस पूरे चुनावी
कैंपेन को एक दिशा दी. इनमें से प्रमुख मुद्दा था शाहीन बाग. चुनाव
परिणाम से लग रहा है कि शाहीन बाग का मुद्दा यहां फेल हुआ और दिल्ली के
विकास की जीत हुई.
ओखला
विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले शाहीन बाग में तो पिछले 58 दिनों से
महिलाएं रात-दिन धरने पर बैठी हैं. बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार में शाहीन
बाग को मुद्दा बनाया था तो अरविंद केजरीवाल ने मुस्लिम बहुल इलाकों से पूरे
चुनाव प्रचार में दूरी बनाकर रखी थी.
दिल्ली के चुनावों में बीजेपी ने गंदे पानी का भी मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. दिल्ली और आसपास के शहरों जैसे नोएडा और गुरुग्राम के बाशिंदे ये नहीं जानते कि उनका पीने का पानी कितना सुरक्षित और कितना साफ है? दिल्ली की सरकार ने जहां पानी को बिल्कुल सुरक्षित बताया, वहीं केंद्र सरकार ऐसा नहीं मानती थी. वहीं, AAP ने मुफ्त पानी-बिजली का मुद्दा उठाया था.
दिल्ली चुनाव में अवैध कॉलोनी और झुग्गी के बदले मकान का मुद्दा भी छाया रहा. मोदी सरकर ने अवैध कॉलोनियों की समस्या की जो 40 साल से समस्या थी, सॉल्व की और 7 लाख घर वालों को और 40 लाख कॉलोनी वालों को न्याय दिया. इसका फायदा बीजेपी को नहीं हुआ बल्कि झुग्गी के बदले मकान मुद्दे पर केजरीवाल पास हुए.
केजरीवाल ने इस चुनाव में शुरुआत से ही काम यानी विकास पर फोकस किया.
केजरीवाल हमेशा कहते दिखे कि यह चुनाव काम पर लड़ा जाएगा और जनता काम पर
वोट करेगी. केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लिनिक के मुद्दे पर जमकर
बैटिंग की. उन्होंने हर गली, चौक-चौराहे पर अपने मोहल्ला क्लिनिक को
केंद्र की आयुष्मान हेल्थ कार्ड से बेहतर बताया.
दिल्ली में प्रदूषण भी एक प्रमुख मुद्दा रहा. इसके समाधान के लिए केजरीवाल सरकार ने ऑड-ईवेन का फॉर्मूला अपनाया.
दिल्ली में महिलाओं का मुफ्त सफर भी एक चुनावी मुद्दा रहा. सीएम केजरीवाल ने कहा था कि हमने महिलाओं के लिए सफर फ्री कर दिया. दिल्ली की
महिलाएं खुश हैं. दुनिया में किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं होगा. विपक्षी
पार्टियों ने खूब हंगामा किया. लोग पूछते हैं पैसा कहां से आता है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी (AAP) का सबसे बड़ा
मास्टरस्ट्रोक दिल्ली के स्कूलों की कायापलट रही. दिल्ली के
सरकारी स्कूलों का कायाकल्प जिस शख्स ने किया उनका नाम है मनीष
सिसोदिया, जिन्होंने दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री
रहते हुए यह काम किया. यह मुद्दा बीजेपी के दो रुपये किलो आटे देने वाले वादे पर भारी पड़ा.
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो गई. 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए मतदान हुआ था. चुनावों में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच टक्कर है. दिल्ली में 81,05,236 पुरुष मतदाता, 66,80,277 महिला मतदाता और 869 तीसरे लिंग के मतदाताओं के लिए कुल 13,570 मतदान बूथ बनाए गए थे.