लोकसभा चुनाव 2019 खत्म हो चुका है और अब नई सरकार के गठन का इंतजार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके बाद 5 या 6 जून से 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो सकता है. सत्र की शुरुआत से पहले हम आपको बताते हैं कि सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसद लोकसभा में कहां बैठेंगे. इसके लिए संसद की एक नियमावली है और फॉर्मूले के जरिए प्रत्येक सांसद की सीट तय की जाती है.
स्पीकर की दाईं और बाईं ओर जो 2 ब्लॉक हैं उनमें 97-97 सीटें होती हैं, बाकी बचे सामने के 4 ब्लॉक में 89-89 सीटें होती हैं. प्रत्येक सांसद के लिए एक सीट निर्धारित होती है, लेकिन कोई मंत्री अगर लोकसभा का सदस्य नहीं भी है, फिर भी वह चर्चा के दौरान सदन में बैठ सकता है.
इस फॉर्मूले को हम एनडीए को इस बार मिली 353 सीटें से समझते हैं. इस बार एनडीए को मिली कुल सीटों को अगर पहली लाइन की कुल सीटें से गुणा किया जाए और फिर सदन की कुल संख्या से उसे विभाजित किया जाए तो नतीजा 12.83 आता है. पूर्णांक के लिहाज से इस बार एनडीए के 13 सांसदों को फ्रंट रो यानी आगे की लाइन में जगह मिलेगी.
संसद के निम्न संसद यानी लोकसभा में सांसदों की संख्या अधिकतम 552 तक हो सकती है जिनमें से 530 सदस्य अलग-अलग राज्यों से होते हैं और 20 सदस्य तक भारत के केंद्र शासित प्रदेशों से हो सकते हैं इसके अलावा 2 सदस्य राष्ट्रपति की ओर से नामित किए जा सकते हैं. लोकसभा को हाउस ऑफ द पीपुल्स भी कहा जाता है.