सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी की
सुप्रीमो मायावती द्वारा लगाई गई मूर्तियों पर टिप्पणी की है. सुप्रीम
कोर्ट का कहना है कि मायावती द्वारा जनता के पैसे से जो हाथियों और अपनी
मूर्तियों पर पैसा खर्च किया गया है, उसे वापस लौटाना चाहिए. गौरतलब है कि
देश में मूर्ति के नाम पर राजनीति का चलन नया नहीं है, राजनीतिक दल सत्ता
में आने पर अपने-अपने हिसाब से चयनित नेताओं और विचारधारा वाले व्यक्तियों
की मूर्तियां लगवाती आई हैं. इन्हीं पर एक नजर डालिए...
मायावती ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और लखनऊ में कई पार्क बनवाए. इनमें मायावती, कांशीराम, भीमराव अंबेडकर और हाथियों की बड़ी-बड़ी मूर्तियां हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनपर करीब 6000 करोड़ रुपया खर्च हुआ है. अब बसपा के साथी बने अखिलेश यादव कभी इस मुद्दे को लेकर उनपर निशाना साधते थे.
2012 में जब अखिलेश यादव की सरकार उत्तर प्रदेश में आई तो उन्होंने भी कुछ ऐसा ही किया. लखनऊ में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जनेश्वर मिश्र पार्क बनवाया. पार्क के बीच में जनेश्वर मिश्र की बड़ी-सी मूर्ति लगवाई गई है. बता दें कि ये पार्क करीब 376 एकड़ में फैला है, जिसे बनाने में लगभग 400 करोड़ का खर्च आया था.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में पूर्व गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का लोकार्पण किया था. ये मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर आरोप लगाते रहे हैं, कांग्रेस ने सरदार पटेल का अपमान किया. साथ ही वह ये भी कहते हैं कि अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो शायद काफी कुछ ठीक रहता.
दलितों के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कई बार आलोचना होती रही है. लेकिन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में भीमराव अंबेडकर के स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां पर भी उनकी एक मूर्ति लगाई गई है. विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि मोदी राज में दलितों का उत्पीड़न हुआ है, वहीं बीजेपी का दावा है कि उन्होंने अंबेडकर की नीति को आगे बढ़ाया है.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जैसे ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा गर्म हुआ तो योगी सरकार ने आनन-फानन में अयोध्या में 151 मीटर की मूर्ति लगाने का ऐलान किया. इसके लिए बजट आवंटन भी कर दिया गया है और तस्वीर जारी की गई है.
महाराष्ट्र में ही बीजेपी की साथी शिवसेना भले ही सरकार की आलोचना करती हो. लेकिन कुछ दिन पहले देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के स्मारक की नींव रखी थी. इस दौरान उद्धव ठाकरे भी साथ थे. फडणवीस ने स्मारक के लिए कई करोड़ रुपये का ऐलान भी किया, जिसे गठबंधन को बनाए रखने के लिए चला गया स्ट्रोक माना गया.
इसके अलावा भी देश में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की कई मूर्तियां हैं. साथ में कई सड़कें, स्टेडियम, स्मारक भी इनके नाम पर हैं. इसको लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर आरोप लगाती रही है.
सिर्फ उत्तर भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत में मूर्ति की राजनीति होती रही है. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद उनकी पार्टी ने मूर्ति लगवाई. जिसपर काफी विवाद हुआ था. AIADMK के अलावा DMK भी करुणानिधि की प्रतिमा लगवाने की तैयारी में है.
महाराष्ट्र सरकार मुंबई के पास अरब सागर में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति बना रही है. इस मूर्ति की ऊंचाई 200 मीटर से अधिक है और बनने के बाद ये दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. हाल ही में इसकी नींव रखी गई थी, जिसपर करीब 3000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.