बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन भले ही इंडस्ट्री में अपने पिता अमिताभ बच्चन जैसा नाम ना कमा पाए हों मगर इसके बावजूद उन्होंने कुछ फिल्मों में बेहद शानदार एक्टिंग की है और ये दिखाया है कि वे कॉमेडी से लेकर संवेदनशील किरदार सिल्वर स्क्रीन पर अदा कर सकते हैं.
एक्टर इन दिनों इंस्टाग्राम पर अपने अब तक के फिल्मी करियर के बारे में बता रहे हैं. उन्हें इंडस्ट्री में आए 2 दशक का समय हो चुका है. इस दौरान अभिषेक बच्चन ने तरह-तरह के किरदार प्ले किए हैं. एक्टर क्रोनोलॉजिकली हर साल के हिसाब से अपनी फिल्मों के बारे में बता रहे हैं.
वे कह रहे हैं कि साल 1998 में मैंने और राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने एक साथ अपना फिल्मी करियर शुरू किया था. हम दोनों ने एक साथ काम करने की ठानी थी. हम लोग समझौता एक्सप्रेस नाम की एक फिल्म पर काम कर रहे थे. मगर काफी मशक्कत करने के बाद भी हमें लॉन्च करने के लिए कोई भी तैयार नहीं हुआ.
मुझे तो याद भी नहीं है कि मैंने कितने सारे एक्टर और प्रोड्यूसर्स के पास जाकर उनसे काम मांगा मगर हमें काम नहीं मिला. फिर मैंने और राकेश ने ये निर्णय लिया कि हम खुद ही फिल्म बनाएंगे. मैं उसमें अभिनय करूंगा और राकेश उस फिल्म को डायरेक्ट करेंगे.
आगे चल कर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने मेरे पिता के साथ अक्स मूवी बनाई. इस दौरान मेरा भाग्य अच्छा था कि डायरेक्टर जेपी दत्ता की नजर मुझपर पड़ी. उन्होंने मेरा लुक देखा. दत्त साहब आखिरी मुगल नाम की एक फिल्म बना रहे थे और वे इस फिल्म के लिए एक फ्रेश चेहरे को लेना चाहते थे.
फिल्म इंडस्ट्री में पांव जमाने के 10 साल बाद आखिरकार वो समय आया जब मैंने और राकेश ने एक साथ किसी फिल्म में काम किया. फिल्म की स्क्रिप्ट बेहद शानदार थी और फिल्म का नाम था दिल्ली 6. फिल्म की कास्ट भी शानदार थी. हम सब एक बड़े परिवार की तरह हो गए थे. साथ में हर काम करते थे. फिल्म की शूटिंग के बाद भी ये सिलसिला चलता रहा.
फिल्म में बड़े बड़े सीनियर एक्टर्स थे जिनके साथ मैं काम करने की केवल सोच ही सकता हूं. सोनम कपूर के करियर की ये दूसरी फिल्म थी. फिल्म में मैं दूसरी बार वहीदा रहमान आंटी के साथ काम करने जा रहा था. इसके अलावा मैं एक ऐसे एक्टर के साथ काम करने जा रहा था जिसका फैन मैं हमेशा से रहा था. वो एक्टर थे ऋषि कपूर. हालांकि चिंटू अंकल और मेरे फिल्म में बहुत कम सीन थे पर फिल्म बहुत यादगार थी.
पा के बारे में बात करते हुए एक्टर ने कहा कि- इस फिल्म के जरिए मैं और मेरे पिता एक साथ छठी बार किसी फिल्म में काम करने जा रहे थे. आर बाल्की के साथ ये मेरी पहली फिल्म थी और विद्या बालन के साथ दूसरी. इस फिल्म से मैं प्रोडक्शन की दुनिया में भी पहला कदम रख रहा था.
फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की थी और कई सारे अवॉर्ड भी जीते थे. फिल्म ने कुल 3 नेशनल अवॉर्ड जीते थे. ये सब इसलिए ही मुमकिन हो पाया क्योंकि फिल्म का निर्देशन आर बाल्की कर रहे थे. उनके बिना कुछ भी मुमकिन ना हो पाता.