3 मई को बॉलीवुड की पॉपुलर एक्ट्रेस अरुणा ईरानी अपना बर्थडे मना रही हैं.
डांस, कॉमेडी, वैम्प, हिरोइन, मां, बहन... अरुणा ने हर किरदार और रंग में
खुद को साबित किया.
लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि कॉमेडियन एक्टर महमूद से उनका लंबा रोमांस रहा है. अरुणा को महमूद की 1972 'बॉम्बे टू गोवा' में बतौर नायिका का किरदार मिला, जिसमें नायक अमिताभ बच्चन थे. 'बॉम्बे टू गोवा' हिट रही.
कॉमेडी किंग महमूद के साथ उनकी जोड़ी 'औलाद', 'हमजोली', 'नया जमाना' जैसी फिल्मों में खूब सराही गई. एक इंटरव्यू में अरुणा ईरानी ने माना है कि महमूद के साथ उनके संबंध थे लेकिन ये प्यार से हटकर था.
हालांकि ये भी कहा जाता है कि काम के मामले में अरुणा बस महमूद की मानती थीं और उनके पास 3 साल तक काम न होने की वजह भी महमूद ही थे. दोनों की उम्र में करीब 20 साल का फासला था.
अरुणा ईरानी का बचपन का प्यार भी था. वह स्कूल में उनके लिए चॉकलेट्स लाता था, उनकी फीस भरता था. अरुणा उसे बहुत पसंद करती थीं. लेकिन अचानक वह गायब हो गया. कई साल बाद अरुणा बचपन के प्यार से मिलीं. तब वह फिल्मों में नाम बना चुकी थीं. इस प्यार से उन्हें विनोद खन्ना ने मिलवाया था और वह और कोई नहीं, विनोद खन्ना के भाई प्रमोद थे.
अरुणा ईरानी ने डायरेक्टर कुकु कोहली से 1990 में शादी की. एक फिल्म में साथ काम करने के दौरान दोनों का रोमांस हुआ था. तब अरुणा 40 की उम्र पार कर चुकी थीं और कुकु भी शादीशुदा और बाल बच्चेदार थे.
अरुणा कहती हैं कि कुकु ने अपनी पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया है और वह हमेशा उनके साथ नहीं रहते. वैसे, उनके अपने बच्चे भी नहीं हैं.
यह फैसला अरुणा ने जानबूझकर लिया. क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि अपने और बच्चे के बीच का जेनरेशन गैप दोनों की जिंदगी खराब करे.
'थोड़ा रेशम लगता है', 'चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी', 'दिलबर दिल से प्यारे', 'मैं शायर तो नहीं' जैसे बॉलीवुड गीतों पर अरुणा के डांस का आज भी कोई तोड़ नहीं है.
अरुणा ने दिलीप कुमार के साथ 1961 में फिल्म 'गंगा जमना' से बतौर बाल कलाकार अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की, उस वक्त वह सिर्फ 9 साल की थी. तभी दिलीप कुमार उनके एक्टिंग से काफी प्रभावित हुए और अरुणा की एक्टिंग कला को सराहा.
अनुमान है कि अरुणा अब तक 357 फिल्मों में काम कर चुकी हैं.
अरुणा का जन्म मुंबई में 3 मई, 1952 को हुआ था. उनके पिताजी की थिएटर कंपनी थी. उनके दो भाई इंद्र कुमार और आदि ईरानी हैं, जो फिल्म मेकिंग से जुड़े हुए हैं.
गुलजार की क्लासिक कॉमेडी 'अंगूर' में देवेन वर्मा की पत्नी का किरदार निभाया था. 1984 में 'पेट, प्यार और पाप' के लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री अवॉर्ड मिला.
अरुणा ने नए कलाकारों की काफी मदद की. अपने करियर के दौरान अरुणा कई मराठी फिल्में भी कर चुकी हैं.
अरुणा ईरानी ने नब्बे के दशक से 'बेटा' और 'राजा बाबू' जैसी फिल्मों से मां का किरदार निभाना शुरू किया. 'बेटा' के लिए उन्होंपे फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता.
अरुणा ने बड़े-पर्दे के बाद छोटे पर्दे का रुख करने से कोई परहेज नहीं किया. वह आज भी टेलीविजन पर सक्रिय हैं, जो अन्य कलाकारों के लिए प्रेरणा है.
उन्होंने कई गुजराती फिल्मों में भी काम किया है. 2000 में उन्होंने धारावाहिक 'जमाना बदल गया' से छोटे पर्दे पर एक्टिंग की शुरुआत की थी.
इसके बाद 'कहानी घर घर की' (2006-2007), 'झांसी की रानी' (2009-2011), 'देखा एक ख्वाब' (2011-2012), 'परिचय' (2013-2013), 'संस्कार धरोहर अपनो की' (2013-14) जैसे कई टेलीविजन धारावाहिकों में अरुणा अहम किरदार निभा चुकी हैं.