अपनी फिल्म 'शुभ मंगल सावधान' के लिए वाहवाही बटोर रहे आयुष्मान खुराना ने शनिवार को इंडिया टुडे के माइंड रॉक्स में हिस्सा लिया. आयुष्मान ने कहा दिल्ली मेरे लिए बहुत स्पेशल है. मेरी पहली और आखिरी फिल्म दिल्ली वाली ही है. उन्होंने बताया कि 'विकी डोनर' से पहले 2004 में रोडीज के दौरान भी मैंने स्पर्म डोनेट किया था.
जब उनसे पूछा गया कि वो इतने अलग हटकर विषय कैसे चुनते हैं. इस पर उन्होंने कहा- आजकल जो यूनिक है, वो चुनना पड़ता है. जो ऑडियंस ने आजतक नहीं देखा वो वहीं फिल्मों में देखना चाहते हैं.
आयुष्मान ने कहा- मैं पहले से जानता था कि मैं हीरो जैसा लगता हूं. इसी कॉन्फिडेंस के कारण मैं चंडीगढ़ से मुंबई आया था. लेकिन एक बार एक शख्स ने मुझे कहा था कि सब कुछ तो ठीक है लेकिन तुम्हारे आइब्रोज बड़े हैं. मैंने कहा- टैलेंट देखो, आइब्रोज देखकर क्या होगा.
आयुष्मान ने बॉडी शेमिंग पर भी बात की. उन्होंने कहा- लोगों को सूरत पर नहीं सीरत पर जाना चाहिए. अगर आप टैलेंटेड हैं तो आप हर जगह फिट बैठ जाएंगे.
नेपोटिज्म पर आयुष्मान ने कहा कि अच्छा है कि मैं आउटसाइडर हूं. बचपन में मैं लाइन में खड़ा होकर टिकट लेता था. यह एक्पीरियंस जरूरी होता है. तभी आपमें आगे निकलने का जुनून आता है. यह मौका आउटसाइडर को ही मिलता है. नेपोटिज्म सिर्फ बॉलीवुड नहीं, हर इंडस्ट्री में हैं. आखिरकार टैलेंट ही सरवाइव करता है. स्टार किड्स में रणबीर कपूर, वरुण धवन, आलिया भट्ट बहुत अच्छा काम कर रहे हैं.
आयुष्मान ने बताया कि जब वो 4 साल के थे तब चंडीगढ़ के जगत सिनेमा में 'तेजाब' देखने गए थे. जब स्क्रीन पर माधुरी आई तब वो पर्दे की तरफ भाग कर गए थे.
आयुष्मान ने बताया कि उनका थिएटर ग्रुप चंडीगढ़ से आईआईटी बॉम्बे में परफॉर्म करने के लिए ट्रेन से जाता था. 48 घंटे का सफर होता था. ट्रेन में उनके थिएटर के साथी गाना गाते थे, जिससे उन्हें पैसे मिलते थे. इन पैसों से उनका गोवा का ट्रिप भी स्पॉन्सर हो जाता था.
आयुष्मान ने कहा- एक प्ले के लिए मैंने अपना सिर मुंडवा लिया था. काम के लिए जुनून था इसलिए ऐसा किया था. अगर रोल की डिमांड हुई तो आगे भी ऐसा करूंगा.
फीजिक्स की कोचिंग में आयुष्मान अपनी पत्नी ताहिरा से मिले थे. साथ ही दोनों फैमिली फ्रेंड्स भी थे. दोनों साथ में थिएटर भी करते थे. कॉलेज के दिनों में ताहिरा, आयुष्मान को पढा़ती भी थीं.
आयुष्मान के पापा चंडीगढ़ के फेमस ज्योतिष हैं, लेकिन आयुष्मान को इस पर विश्वास नहीं. उन्होंने बताया- मैं अंगूठी नहीं पहनता. पापा की बात मानता हूं, लेकिन एक मेंटर की तरह.
आयुष्मान के मुताबिक, आउटसाइजडर्स के लिए रिएलिटी शोज जरूरी हैं. इससे लोगों को प्लेटफॉर्म मिलता है.
आयुष्मान डायरेक्शन में भी हाथ आजमाना चाहते हैं. लेकिन फिलहाल म्यूजिक और एक्टिंग पर ही फोकस रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा मुझमें बहुत से टैलेंट हैं, लेकिन एक टैलेंट ही बहुत होता है.