कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा- राज तो खुल गया. फिल्म के इफेक्ट्स शानदार हैं. जब आप देखेंगे तो आंखें सधी रह जाएंगी. लेकिन जब दिमाग की घंटे बजेगी तो कुछ सवाल भी उठेंगे और समझ में आएगा कि बाहुबली 2 में इतनी बडी गलतियां भी हैं.
सबसे बड़ा झटका देता है कटप्पा का बाहुबली को मारने वाला सीन. 22 महीने में हमने इसका इंतजार किया और ये सीन उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाया, जितना इसका इंतजार था. इसे जिस तरह पेश किया गया, उससे भी यह कंफ्यूज करता है. बाहुबली को बताया जाता है कि कटप्पा पर देशद्रोह का आरोप लगा है. जब वह उसे बचाने जाता है तो कालकेया जैसे दिखने वाले लोग उन पर हमला कर देते हैं. जब बाहुबली कटप्पा को बचाता है तो वह उसे मार देता है...
बाहुबली 2 के इस पोस्टर की गलती तो सभी ने देखी थी. देवसेना और बाहुबली को लेकर एक सीन और हैरान करता है. जब देवसेना को शिवगामी और कटप्पा बताते हैं कि बाहुबली नहीं रहा और वे उसके मरने की वजह हैं तो भी देवसेना का कोई रिएक्शन नहीं आता. सीन बस आता है और चला जाता है....
वैसे पहली फिल्म से राजामौली दर्शकों को अच्छी तरह जोड़ नहीं पाए. जिसने पहला भाग हाल फिलहाल में नहीं देखा होगा, उसे जरूर कड़ियों को मिस किया होगा.
तमन्ना भाटिया यानी अवंतिका की एंट्री के साथ भी ऐसा ही है. क्लाइमेक्स सीन में उनकी झलक भर है और एंट्री हैरान भी करती है...
गानों पर भी बाहुबली 2 हिंदी भाषी दर्शकों को निराश करती है. राजामौली ने मसाला फिल्म बनाई. चुस्त कहानी और VFX बेशक दर्शकों को लुभाने वाला है. लेकिन पैकेज में म्यूजिक वाला हिस्सा कमजोर है. देवसेना और बाहु का उड़नखटोले का चित्रण जितना खूबसूरत है, बोल और संगीत अच्छा न होने से उतना प्रभावशाली नहीं बन पाया है.
राजमाता शिवगामी का किरदार जितना सुलझा हुआ गढ़ा गया था. जो स्त्री उड़ती चिड़िया के पंख गिन लेती है, वह इतनी आसानी से षडयंत्र में आ जाती है और बाहुबली को मरवाने का आदेश दे देती है- हजम नहीं होता. यही नहीं, उसके सामने एक गर्भवती महिला, जो उसकी अपनी बहू है, को बेड़ियों में लाया जाता है - पर भी वह आपत्ति नहीं जताती.