जॉनी लीवर का बर्थडे 14 अगस्त को होता है. उनका असली नाम जॉन राव जानूमाला है. हिन्दुस्तान लीवर कंपनी में काम करने के कारण उन्हें जॉनी लीवर कहा जाने लगा था. कई फिल्मों में बेहतरीन कॉमेडी से दर्शकों को लोटपोट कर चुके जॉनी के जीवन में एक दौर ऐसा आया, जब उन्होंने फिल्में पूरी तरह छोड़ दी थीं. लीवर ने अपना झुकाव धर्म और अध्यात्म की तरफ कर लिया था.
लीवर धर्म उपदेशक बन गए थे. मुंबई, चेन्नई और यहां तक की अमेरिका में हर संडे होने वाली उनकी प्रार्थना सभाओं में सैकड़ों लोग जुटने लगे थे.
जॉनी लीवर ने अपने अंदर आए इस बदलाव की वजह बताते हुए कहा था, ये ईश्वर की इच्छा थी. मैं हमेशा से एक धार्मिक इंसान रहा हूं. लेकिन इस वाकये ने मेरा जीवन बदल दिया. मेरा बेटा कैंसर से पीडि़त था. मैं बहुत परेशान और लाचार हो गया था. मैंने फिल्में करना छोड़ दी थीं.
आगे जॉनी ने बताया था, मैं अपना पूरा समय ईश्वर की प्रार्थना में लगाने लगा था. फिर दस दिन बाद मैं बेटे को डॉक्टर के पास टेस्ट के लिए ले गया. डॉक्टर ने बताया कि मेरा बेटा खतरे से बाहर है. अब उसे कैंसर नहीं है. यहां से मेरे जीवन में बदलाव आना शुरू हुआ.
जॉनी लीवर ने कहा था, मैं रोमन कैथलिक हूं, लेकिन मैंने कभी बाइबल नहीं पढ़ी. अब मैं इसे पूरी तरह पढ़ चुका हूं. मेरा मानना है कि ईश्वर की प्रार्थना से आपके जीवन में चमत्कार हो सकता है.
इस घटना के बाद जॉनी ने तय कर लिया था कि वे आगे कभी अश्लील और डबल मीनिंग वाली फिल्में नहीं करेंगे. उन्होंने कहा था, यह सच है कि इस तरह की फिल्मों ने मुझे स्टार बनाया, लेकिन मैं हमेशा ऐसे डायलॉग्स और सीन के खिलाफ रहा हूं.
जॉनी लीवर का बचपन बेहद तंगी में बीता. एक बार फीस न भर पाने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था. इसके बाद उन्हें कुछ अजीबोगरीब नौकरियां करनी पड़ी थीं. 1999 में एक निजी समारोह में तिरंगे झंडे का अपमान करने के कारण जॉनी लीवर को सात दिन की सजा भी सुनाई जा चुकी है. इसके बाद जॉनी ने माफी मांगी और उनकी सजा घटाकर एक दिन कर दी गई.