आज मीरा कुमारी का जन्मदिन है. मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त, 1932 को मुंबई में हुआ था. उनके पिता का नाम अली बक्श था.
मीना कुमारी की जिंदगी बचपन से ही दुख भरी रही है. पैदा होते ही मीना कुमार के पिता ने उन्हें अनाथाश्रम में छोड़ आए थे. उनकी मां के काफी रोने-धोने पर वे उन्हें वापस ले आए. मीना कुमारी 1939 में फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म फ़रज़न्द-ए-वतन में चाइल्ड कलाकार के रूप में नज़र आईं. 1940 की फिल्म ‘एक ही भूल’ में विजय भट्ट ने इनका नाम बेबी महजबीं से बदल कर बेबी मीना कर दिया. 1946 में आई फिल्म ‘बच्चों का खेल’ से बेबी मीना 14 वर्ष की आयु में मीना कुमारी बनीं.
1952 में मीना कुमारी ने फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही के साथ शादी कर ली. मीना कुमारी ने ये शादी अपने परिवार के खिलाफ जाकर किया था. हालांकि शादी के 12 साल बाद 1964 में ही मीना कुमारी और कमाल अमरोही की शादीशुदा जिंदगी में दरार आ गई और वो अलग-अलग रहने लगे.
मीना ने 29 मार्च, 1972 को आखिरी बार कमाल अमरोही का नाम लिया, इसके बाद वह कोमा में चली गईं.
1966 में फिल्म 'काजल', 1963 में 'साहिब बीवी और गुलाम', 1954 में 'बैजू बावरा', 1955 में 'परिणीता' के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
धर्मेद्र की जिंदगी का अकेलापन दूर करते-करते मीना उनके करीब आने लगीं. दोनों के बारे में अफेयर की काफी चर्चा होने लगी. मीना कुमारी के रूप में धर्मेद्र के करियर की डूबती नैया को किनारा मिल गया था और धीरे-धीरे धर्मेद्र के करियर ने भी रफ्तार पकड़ी.
अपनी शोहरत के बल पर मीना कुमारी ने धर्मेद्र के करियर को ऊंचाइयों तक ले जाने की पूरी कोशिश की, लेकिन इतना सब करने के बाद भी मीना को धर्मेद्र से भी बेवफाई ही मिली. फिल्म 'फूल और कांटे' की सफलता के बाद, धर्मेद्र ने मीना कुमारी से दूरियां बनानी शुरू कर दीं और एक बार फिर से मीना कुमारी अपनी जिंदगी में तन्हा रह गईं.
धर्मेद्र की बेवफाई को मीना झेल न सकीं और हद से ज्यादा शराब पीने लगीं. इस वजह से उन्हें लिवर सिरोसिस बीमारी हो गई.
कहा तो ये भी जाता है कि धर्मेंद्र एक दफा मीना कुमारी को सबके सामने थप्पड़ मार दिया था. बेवफाई में मिले इस थप्पड़ को मीना कभी भूल नहीं पाईं.