भारत रत्न लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ. उनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था, जो कि रंगमंच के कलाकार और गायक थे.
लता ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति हैं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं.
टाइम पत्रिका ने लता मंगेशकर को भारतीय पार्श्वगायन की एकछत्र साम्राज्ञी के तौर पर स्वीकार किया है.
दुनिया मे सबसे अधिक गीत गाने के लिए 1974 में लता मंगेशकर का नाम गिनीज़ वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया.
लता की आवाज़ के सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग दीवाने हैं.
लता मंगेशकर को क्रिकेट और फोटोग्राफी का बेहद शौक है. क्रिकेट की दुनिया में वो सचिन तेंदुलकर को खासा पसंद करती हैं.
लता मंगेशकर कई सारे ट्रस्ट चलाती हैं. 'मास्टर दीनानाथ अस्पताल' में गरीबों का मुफ्त इलाज होता है.
लता दीदी इन दिनों अपने पिता के नाम पर बने 'मास्टर दीनानाथ अस्पताल' के कामों में व्यस्त रहती हैं.
उनके बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि वो हमेशा नंगे पांव गाना गाती हैं. यानी कि वे अभी भी रिकॉर्डिंग के लिये जाने से पहले कमरे के बाहर अपनी चप्पलें उतारती हैं.
लता मंगेशकर को दुनिया प्यार से लता दीदी बुलाती है. लता मंगेशकर बेहद सादा जीवन जीती हैं. वे हमेशा सफेद साड़ी पहनती हैं.
लता मंगेशकर को 1966 में पद्म भूषण, 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार और 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है.
लता मंगेशकर को 6 फिल्म फेयर और 3 राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं.
लता ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति हैं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं.
लता मंगेशकर अब तक 20 से अधिक भाषाओं मे 30000 से अधिक गाने गा चुकी हैं.
1949 में आई फिल्म 'महल' का गाना 'आएगा आनेवाला' सुपर डुपर हिट रहा. इस गाने ने लता को खासा फेम दिलाया. इसके बाद तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
वसंत जोगलेकर ने 1947 में अपनी फिल्म 'आपकी सेवा' में लता को गाने का मौका दिया. इस फिल्म में लता की खूब चर्चा हुई.
लता की तीनों बहनों उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले ने संगीत को ही अपना प्रोफेशन बनाया.
जब लता मात्र 13 साल की थीं तब उनके पिता का देहांत हो गया. परिवार की तंगी दूर करने के लिए लता को कुछ हिन्दी और मराठी फिल्मों में काम करना पड़ा. अभिनेत्री के तौर पर लता मंगेशकर की पहली फिल्म थी 'पाहिली मंगलागौर' (1942).
लता बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं. पहली बार लता ने वसंत जोगलेकर निर्देशित फिल्म 'कीर्ति हसाल' के लिए गाना गाया. लेकिन बाद में फिल्म से उनके गाने को हटा दिया गया. दरअसल, उनके पिता नहीं चाहते थे कि लता फिल्मों में गाना गाएं.
ऐसी भी चर्चा हैं कि भंसाली लता को समर्पित एक एलबम तैयार कर रहे हैं.
जब कभी भी जी चाहे' (दाग), 'कभी कभी मेरे दिल में' (कभी कभी), 'नीला आसमां सो गया' (सिलसिला), 'मेरी बिंदिया तेरी निंदिया' (लम्हे), 'ढोलना' (दिल तो पागल है) और 'तेरे लिए' (वीर जारा) जैसे लता के मशहूर गीत हैं जो उन्होंने यश चोपड़ा के लिए गाए हैं.
गायिकाओं के बीच केवल लता के साथ काम करने का प्रण लेने वाले फिल्मकार यश चोपड़ा के मुताबिक लताजी का जन्मदिवस एक महान सुअवसर है. उन्होंने हमें संगीत के माध्यम से काफी कुछ दिया है, जैसे प्रेम और अनुराग.
लता दीदी को शेरो- शायरी की किताबें पढ़ना पसंद है. ग़ालिब और मोमिन उनके पसंदीदा शायरों में से एक हैं.
लता मंगेशकर को जासूसी उपन्यास पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. उनके पास शरलॉक होम्स का पूरा संग्रह है.
लता दीदी को दिलीप कुमार की फिल्में देखना पसंद है और उनकी कई फिल्में तो वह बार-बार देख चुकी हैं.
संजय लीला भंसाली और मधुर भंडारकर जैसे बहुत-से फिल्मकारों की वह पहली पसंद हैं और आज के स्थापित गायक-गायिकाओं की प्रेरणास्रोत हैं.
हालांकि लता दीदी अब बहुत कम नए गानों को अपनी आवाज दे रही हैं, फिर भी प्रशंसक उनकी मखमली आवाज के कायल हैं.
सन् 1962 में चीन के साथ हुई लड़ाई के बाद जब एक कार्यक्रम में लता ने पंडित प्रदीप का लिखा 'ऐ मेरे वतन के लोगों...' गाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आंखों से आंसू निकल पड़े.
ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तानी गजल गायक मेहंदी हसन और लता मंगेशकर का एक एलबम जल्द ही जारी होने वाला है.
लता मंगेशकर ने हमेशा क्वांटिटी की बजाय क्वालिटी को महत्व दिया है. यही वजह है कि उनका हर गाना अपने आपमें अनोखा, बेहतरीन और सुनने लायक है.
लता मंगेशकर देश की दूसरी गायिका हैं जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है.
लता मंगेशकर ने 1978 की मधुमति फिल्म में 'आजा रे परदेसी...' गाने के लिये फिल्म फेयर अवार्ड भी जीता.
लता मंगेशकर ने ग्वालियर से संगीत की शिक्षा ग्रहण की थी.
लता मंगेशकर ने कई मराठी फिल्मों के लिए भी गाने गाए. उन्होंने हृदयनाथ मंगेशकर, वसंत प्रभू, श्रिनिवास खाले और सुधीर फड़के द्वारा कंम्पोज किए गए कई मराठी गानों को अपनी आवाज दी.
अपनी सुरीली आवाज से करोड़ो लोगों को दीवाना बनाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सादगी भरे व्यवहार की तारीफ करते हुये उन्हें अपना गुरू करार दिया है.
उन्होंने 1000 से अधिक हिन्दी फिल्मों के लिए गाना गाने के अलावा 36 क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी आवाज की जादू बिखेरी हैं.
वर्ष 1942 में मराठी गीत से करियर की शुरुआत करने वाली लता का पहला हिन्दी गाना 'पा लूं कर जोरी' है जिसे उन्होंने 1946 में रिलीज वसंत जोगलेकर की फिल्म 'आप की सेवा में' लिए गाया था.
संजय लीला भंसाली और मधुर भंडारकर जैसे बहुत-से फिल्मकारों की लता मंगेशकर पहली पसंद हैं.
संजय लीला भंसाली और मधुर भंडारकर जैसे बहुत-से फिल्मकारों की लता मंगेशकर पहली पसंद हैं.
लता मंगेशकर को फोटोग्राफी का काफी शौक है. इसके अलावा उन्हें कैमरों के बारे में भी अच्छी-खासी जानकारी है.
सन् 1962 में चीन के साथ हुई लड़ाई के बाद जब एक कार्यक्रम में लता ने पंडित प्रदीप का लिखा 'ऐ मेरे वतन के लोगों...' गाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आंखों से आंसू निकल पड़े.
1970 और 80 के दशक में लता ने तीन प्रमुख संगीत निर्देशकों लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, आर.डी. बर्मन और कल्याण जी-आनंदजी के साथ काम किया.
ऋषिकेष मुखर्जी की 'अनुराधा' में लता मंगेशकर ने पंडित रवि शंकर की धुनों पर गाने गाये और उन्हें काफी तारीफ़ मिली.
लता मंगेशकर को डायमंड्स का काफी शौक है.