दूरदर्शन पर रामायण के दोबारा प्रसारण के बाद से सीरियल के सभी एक्टर्स की भी चर्चा होने लगी है. लोग राम-सीता-लक्ष्मण समेत रावण, मेघनाद आदि के किरदारों को भी याद कर रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा अगर किसी की चर्चा हो रही है तो वो है रामायण के राम. राम का किरदार निभा रहे अरुण गोविल खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. उन्होंने कई इंटरव्यूज में राम की छवि का जिक्र किया है. आइये उनके किरदार के ऐसे के एक किस्से को जानें जब बच्चों में भी उनके प्रति आस्था जाग गई थी.
एक इंटरव्यू में अरुण गोविल की पत्नी श्रीलेखा ने एक इमोशनल किस्से का जिक्र किया था. यह बात उन दिनों की है जब अरुण और श्रीलेखा के बच्चे सोनिका और अमल गोविल स्कूल में पढ़ते थे. अमल चौथी क्लास में था.
श्रीलेखा कहती हैं- 'एक बच्चे के पिता की मौत हो गई. वह बच्चा चौथी क्लास का था. पिता की मौत पर वह रो ही नहीं रहा था, जबकि उसे रोना चाहिए था. जब लोगों ने उसे पूछा कि तुम रो क्यों नहीं रहे हो, तो बच्चे ने कहा- इसमें रोना क्या है, अमल के पापा को बोलकर वापस अपने पापा को बुला लूंगा.'
'बच्चों तक में अरुण के राम होने का इतना प्रभाव था.' इस इंटरव्यू में श्रीलेखा ने अरुण गोविल की एक मजेदार बात का खुलासा किया था.
श्रीलेखा ने बताया- 'अरुण कुछ बोलते नहीं थे, तो एक दिन मैंने पूछा कि क्या आपने मुझसे जबरदस्ती शादी की है. आप कुछ बोलते ही नहीं हैं. इसपर दूसरे दिन अरुण ने उन्हें एक कार्ड दिया. उसमें वाटरफॉल बना हुआ था और लिखा था- अगर तुम मेरी खामोशी को नहीं समझ सकती तो मुझे कैसे समझोगी. उस दिन के बाद से मैं उनकी भावनाओं को समझ गई.'
रामायण की बात करें तो 1987 में आए इस सीरियल का प्रभाव वाकई में बहुत ज्यादा था. लोग सच में अरुण गोविल को भगवान राम और दीपिका चिखलिया को माता सीता समझते थे.
पर्दे पर उनका अभिनय लोगों को सच्चाई लगती थी. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक उदयपुर के एक गांव में गांव वालों ने एक मंदिर बनवाया जिसमें मूर्ति को हुबहू अरुण गोविल जैसा नक्श दिया गया था. लोग इनकी पूजा करते थे.
गाड़ियों में भगवान की जगर रामायण सीरियल के राम-सीता-लक्ष्मण की फोटो लगाते थे. उनकी आरती उतारी जाती थी.