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राजस्थान की इन 5 जगहों में बसता है बस खौफ...

aajtak.in
  • 12 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:35 PM IST
  • 1/5

भानगढ़
कहां:
सरिस्का के जंगलों के नजदीक
क्याः ढहता हुआ किला, खंडहर
क्यों: कहा जाता है कि 17वीं सदी में गुरु बालू नाथ ने इसे श्राप दिया था और तभी रातोरात इसे खाली करना पड़ा.
खास बात: एएसआइ के साइनबोर्ड पर सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद 'प्रवेश की सख्त मनाही'.

  • 2/5

कुलधरा
कहां: जैसलमेर से 17 किमी दूर क्याः एक छोटा-सा परित्यक्त गांव, वक्त के साथ उजड़ा हुआ
क्यों: 200 साल पहले 1,500 बाशिंदों ने जाहिरा तौर पर गांव को तिलांजलि दे दी, यह कहते हुए कि गांव को श्राप लग गया है, जो रुकेगा, मर जाएगा
खास बातः राजस्थान सरकार ने इसे पर्यटन स्थल की तरह विकसित करने के लिए 4.5 करोड़ रु. की निवेश योजना को मंजूरी दी है.

  • 3/5

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर
कहां:
दौसा जिला क्याः मंदिर जहां रोजाना झाड़-फूंक चलती रहती है
क्यों: भूत-प्रेतों से ग्रस्त लोगों को यहां लाया जाता है और ओझा-तांत्रिक उन्हें तब तक यंत्रणाएं देते हैं 'जब तक प्रेतात्माएं छोड़कर जाने के लिए राजी नहीं हो जातीं'. माहौल चीखों से गूंजता रहता है
खास बातः सख्त हिदायत कि यहां कुछ भी न खाएं, न पिएं, किसी को भी न छुएं, न बात करें, सारे पैकेट खाली कर दें और रुखसत होते वक्त मुड़कर न देखें

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  • 4/5

नाहरगढ़ का किला
कहां:
जयपुर के नजदीक
क्याः 1734 में राजा सवाई जय सिंह द्वितीय का बनवाया हुआ दिल-बहलाव का महल जिसमें उनकी अनेक रानियों के शाही कक्ष थे
क्यों: तब से अब तक निर्माण का कोई भी काम मुश्किल में पड़ जाता है, बड़ी तादाद में हादसे और मौतें हुई हैं खास बातरू कहा जाता है कि एक महंत की आत्मा का वास है जिसका मंदिर राजा ने ले लिया था

  • 5/5

राणा कुंभा महल
कहां:
चित्तोडग़ढ़
क्याः रात में मदद की गुहार लगाती औरतों की चीखें
क्योः 15वीं सदी में जब दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने हमला किया तो रानी पद्मिनी ने 700 औरतों के साथ जौहर (आत्मदाह) कर लिया था
खास बातः खौफनाक गुप्त तहखाना जहां रानी और बाकी औरतों ने प्राण त्यागे थे.

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