क्रिकेट वर्ल्ड की ग्लैमरस होस्ट मंदिरा बेदी का आज जन्मदिन है. 15 अप्रैल 1972 में कोलकाता में पैदा हुई इस बेहतरीन अदाकरा ने एक शानदार एक्ट्रेस के साथ-साथ देश में क्रिकेट की दुनिया की बेमिसाल होस्ट के रूप में भी नाम कमाया.
मंदिरा बेदी जिन्होंने दूरदर्शन से लेकर क्रिकेट की पिच तक का सफर तय किया वह महिलाओं के लिए आज एक आदर्श बन चुकी हैं.
15 अप्रैल, 1972 को कोलकाता में जन्मी मंदिरा बेदी के पिता का नाम विरेन्द्र सिंह बेदी और मां का नाम गीता बेदी है.
मुंबई से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मंदिरा बेदी ने सोफिया पॉलीटेक्निक से मीडिया में पोस्ट ग्रेजुएशन की.
1994 में दूरदर्शन पर आने वाले कार्यक्रम 'शांति' से मंदिरा बेदी को पहचान मिली जिसकी वजह से उन्हें 1995 में 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में रोल मिला.
अपने छोटे से किरदार में भी मंदिरा बेदी ने अच्छा अभिनय किया पर फिल्मों में उनका करियर कुछ खास चल नहीं पाया.
उसके बाद उन्होंने एक बार फिर छोटे पर्दे का रुख किया और मशहूर टीवी शो 'क्यूंकि सास भी कभी बहु थी' में मंदिरा का रोल किया.
इसके बाद मंदिरा बेदी ने कुछ क्रिकेट शो होस्ट किए. लोगों को उनका अंदाज बहुत ही शानदार और दिलकश लगा.
क्रिकेट की ज्यादा समझ ना होने के बाद भी मंदिरा बेदी को 2003 और 2007 क्रिकेट विश्व कप की होस्टिंग करने के लिए रखा गया.
क्रिकेट में ग्लैमर का तड़का कैसे लगाना है यह मंदिरा बेदी ने साबित कर दिया.
उनका साड़ी पहन कर क्रिकेट शो की होस्टिंग करने का अंदाज कई दिलों पर छा गया.
क्रिकेट विश्व कप ने मंदिरा बेदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई.
क्रिकेट विश्व कप के अलावा आईपीएल, टी-ट्वेंटी और चैंपियंस ट्राफी में भी मंदिरा बेदी ने अपना जलवा बिखेरा.
मंदिरा बेदी ने 1999 में राज कौशल से शादी की.
मंदिरा मशहूर फैशन पत्रिका 'वोग' के लिए एक टॉपलेस फोटोशूट के लिए भी सुर्खियों में रहीं.
खुद को चर्चा में रखने के लिए मंदिरा बेदी पहले भी कई हॉट फोटोशूट करवा चुकी थीं लेकिन 'वोग' के लिए तो वह टॉपलेस हो गई थीं.
मंदिरा बेदी ने क्रिकेट का ज्ञान ना होते हुए भी जिस तरह क्रिकेट जगत में अपना नाम बनाया है वह वाकई काबिलेतारीफ है.
इसी के साथ मंदिरा बेदी अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी हमेशा चर्चा में रहती हैं.
एक इंटरव्यू में मंदिरा ने कहा कि बचपन में हर बच्चा शरारती होता है, लेकिन मैं कुछ ज्यादा ही शरारतें किया करती थी.
मंदिरा ने बताया कि ऐसा मेरे मम्मी-पापा कहते है. मेरी शैतानी हरकतों से पूरा घर-मोहल्ला परेशान रहता था.
इस दौरान मंदिरा ने कहा कि कभी-कभी तो मेरे मम्मी-पापा को मुझे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता था. इतना तंग करने के बावजूद, मुझे याद है उन्होंने कभी मुझ पर हाथ नहीं उठाया बल्कि हमेशा प्यार से समझाया.
मंदिरा ने आगे खुलासा किया कि अनुशासन उनकी पहली सीख थी. इसके अलावा वे पढ़ाई से लेकर खेल-कूद, रिश्ते-नाते और वक्त की कीमत; सबकी अहमियत भी समझाते थे.
मंदिरा ने कहा कि सच कहूं तो उस वक्त उनकी वो बातें मुझे अच्छी नहीं लगती थीं, लेकिन आज उनकी वैल्यू समझ में आती है. आज जीवन के हर मोड़ पर वो बातें कहीं न कहीं काम आती है.
बचपन में मंदिरा पढ़ने से ज्यादा खेलकूद पर ध्यान देती थी. इसके बावजूद मंदिरा के हर सब्जेक्ट में अच्छे मार्क्स आते थे, सिवाय गणित के. ये बातें मंदिरा ने खुद एक साक्षात्कार के दौरान कहीं.
मंदिरा ने बताया कि आज क्या है कि हम सबने इतनी तरह-तरह की चादरे ओढ़ ली है कि बचपन को चाहकर भी जी नहीं पाते.
इस बातचीत में मंदिरा ने कहा कि आज बचपन की उन मौज-मस्तियों को, उन शरारतों को और मम्मी-पापा की उन बातों को बहुत मिस करती हूं. सोचती हूं कि काश मेरा बचपन फिर से वापस लौट आए.
साथ ही मंदिरा ने कहा कि बचपन में एक सच्चाई होती है, इंसान को उसे खोना नहीं चाहिए. मेरे अंदर आज भी एक बच्ची छुपी हुई है जो मौका मिलते ही बाहर निकलकर आ जाती है. आज भी मौका मिलते ही मैं अपने पैरेट्स को तंग करने लग जाती हूं.
बरसों पहले टेलीविजन की दुनिया में औरत की आवाज उठाने वाले शो शांति की नायिका रही मंदिरा बेदी भले ही आज क्रिकेट की दुनिया में रम गईं हों, पर टीवी से उनका प्यार कम नहीं हुआ है.
इसीलिए उनके प्रशंसकों ने उन्हें कभी एंकर के रूप में देखा, तो कभी किसी शो में छोटी भूमिका में वह दिखाई दीं.
मंदिरा मानती हैं कि एक्टिंग के रास्ते में भटक जाने की वजह से एक्ट्रेस मंदिरा टीवी से दूर हो गई हैं और कहती हैं कि 2003 वर्ल्ड कप के बाद तो लोगों ने एक्ट्रेस मंदिरा को भुला ही दिया पर मैं चूंकि थियेटर करती रही हूं, इसलिए एक्टिंग नहीं भूली हूं.
मंदिरा ने बताया कि वैसे मैं जानकारी के लिए बता दूं कि दो-तीन साल पहले तक मैं टीवी शोज में काम नहीं करना चाहती थी क्योंकि हर सीरियल में वही सास-बहू की कहानी.
मंदिरा ने कहा कि यह देखकर ही मैं बोर हो गई थी, तो ऐसे में अगर बहू का रोल ऑफर होता, तो कैसे कर पाती? टीवी हो या फिल्म मेरे लिए हमेशा कैरेक्टर इंपॉर्टेंट रहे हैं. पर अब हालात बदल चुके हैं.
उन्होंने कहा कि टीवी का परिदृश्य बदल चुका है और कई शोज ऐसे हैं, जिनका कॉन्सेप्ट लोगों को पसंद आ रहा है.
एक समय घर-घर में शांति के नाम से छा चुकी यह एक्ट्रेस मानती हैं कि ऐसा नहीं है कि टीवी या फिल्म इंडस्ट्री से मुझे ऑफर नहीं मिले, पर आइटम सांग या किसी सीरियल में भाभी का रोल करने से मैंने हमेशा मना किया.
मंदिरा ने कहा कि मुझे ऐसा किरदार करना पसंद है, जिसकी स्टोरीलाइन में अहमियत हो. इसलिए आज भी मैं यह कहूंगी कि शोज अच्छे आ रहे हैं और ऐसे ही शो में काम करने की तमन्ना हर कलाकार को होती है. पर पहले मैं एंकरिंग में रंग जमा दूं.
मंदिरा बेदी जिन्होंने दूरदर्शन से लेकर क्रिकेट की पिच तक का सफर तय किया वह महिलाओं के लिए आज एक आदर्श बन चुकी हैं.
मुंबई से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मंदिरा बेदी ने सोफिया पॉलीटेक्निक से मीडिया में पोस्ट ग्रेजुएशन की.
1994 में दूरदर्शन पर आने वाले कार्यक्रम “शांति” से मंदिरा बेदी को पहचान मिली जिसकी वजह से उन्हें 1995 में 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में रोल मिला.
अपने छोटे से किरदार में भी मंदिरा बेदी ने अच्छा अभिनय किया पर फिल्मों में उनका कैरियर कुछ खास चल नहीं पाया.
उसके बाद उन्होंने एक बार फिर छोटे पर्दे का रुख किया और मशहूर टीवी शो 'क्यूंकि सास भी कभी बहु थी' में मंदिरा का रोल किया.
15 अप्रैल, 1972 को कोलकाता में जन्मी मंदिरा बेदी के पिता का नाम विरेन्द्र सिंह बेदी और मां का नाम गीता बेदी है.
मुंबई से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मंदिरा बेदी ने सोफिया पॉलीटेक्निक से मीडिया में पोस्ट ग्रेजुएशन की.
1994 में दूरदर्शन पर आने वाले कार्यक्रम “शांति” से मंदिरा बेदी को पहचान मिली जिसकी वजह से उन्हें 1995 में 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में रोल मिला.
अपने छोटे से किरदार में भी मंदिरा बेदी ने अच्छा अभिनय किया पर फिल्मों में उनका कैरियर कुछ खास चल नहीं पाया.
उसके बाद उन्होंने एक बार फिर छोटे पर्दे का रुख किया और मशहूर टीवी शो 'क्यूंकि सास भी कभी बहु थी' में मंदिरा का रोल किया.
इसके बाद मंदिरा बेदी ने कुछ क्रिकेट शो होस्ट किए. लोगों को उनका अंदाज बहुत ही सेक्सी और दिलकश लगा.
क्रिकेट की ज्यादा समझ ना होने के बाद भी मंदिरा बेदी को 2003 और 2007 क्रिकेट विश्व कप की होस्टिंग करने के लिए रखा गया.
क्रिकेट में ग्लैमर का तड़का कैसे लगाना है यह मंदिरा बेदी ने साबित कर दिया.
उनका साड़ी पहन कर क्रिकेट शो की होस्टिंग करने का अंदाज कई दिलों पर वार कर गया.
क्रिकेट विश्व कप ने मंदिरा बेदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई.
क्रिकेट विश्व कप के अलावा आईपीएल, टी-ट्वेंटी और चैंपियंस ट्राफी में भी मंदिरा बेदी ने अपना जलवा बिखेरा.
मंदिरर मशहूर फैशन पत्रिका 'वोग' के लिए एक टॉपलेस फोटोशूट के लिए भी सुर्खियों में रहीं.
खुद को चर्चा में रखने के लिए मंदिरा बेदी पहले भी कई हॉट फोटोशूट करवा चुकी थीं लेकिन 'वोग' के लिए तो वह टॉपलेस हो गई थीं.
मंदिरा बेदी ने क्रिकेट का ज्ञान ना होते हुए भी जिस तरह क्रिकेट जगत में अपना नाम बनाया है वह वाकई काबिलेतारीफ है.
इसी के साथ मंदिरा बेदी अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी हमेशा चर्चा में रहती हैं.