भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल जोरों पर है. कोरोना वैक्सीन COVAXIN की तीसरे चरण का ट्रायल उत्तर प्रदेश में जल्द ही शुरू किया जाएगा. यूपी सरकार ने घोषणा की कि लखनऊ और गोरखपुर में अक्टूबर के महीने में कोवैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल शुरू किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के प्रधान स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'भारत बायोटेक की वैक्सीन COVAXIN के तीसरे चरण का ट्रायल अक्टूबर से लखनऊ और गोरखपुर में शुरू होगा.' इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) इस वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक का सहयोग कर रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार गुरुवार तक, राज्य में कोरोना वायरस के 61,698 एक्टिव मामले थे जिसमें से 3,02,689 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं जबकि 5,299 लोगों की मौत हो चुकी है.
इस बीच, भारत बायोटेक ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ एक लाइसेंसिंग एग्रीमेंट के लिए समझौते की घोषणा की. कंपनी ने WUSM के साथ कोरोना की सिंगल डोज इंट्रानैसल वैक्सीन के लिए एग्रीमेंट किया है. इसके साथ ही भारत बायोटेक को अमेरिका, जापान और यूरोप को छोड़कर बाकी सभी देशों के बाजारों में अपनी वैक्सीन देने का अधिकार मिल गया है.
कंपनी ने बताया कि इस वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल सेंट लुइस विश्वविद्यालय की यूनिट में होगा, जबकि रेगुलेटरी मंजूरी मिलने के बाद भारत बायोटेक अपने आगे के चरणों का क्लिनिकल ट्रायल भारत में भी करेगी. कंपनी हैदराबाद के जीनोम वैली में स्थित अपनी जीएमपी फैसिलिटी में वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन करेगी.
भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉक्टर कृष्णा एल्ला ने कहा, 'हम इस वैक्सीन की एक अरब डोज तैयार करेंगे. इंट्रानैसल वैक्सीन ना सिर्फ देने में आसान होगी बल्कि इससे कई तरह के मेडिकल खर्चे भी बचेंगे.'
कृष्णा एल्ला ने कहा, 'वायरल वैक्सीन, उत्पादन क्षमताओं और वितरण में हमारा काफी अनुभव है. हमें उम्मीद है कि हम एक सुरक्षित, प्रभावी और किफायती वैक्सीन बनाएंगे. हमारी कोशिश होगी कि इसे पूरी दुनिया में उपलब्ध कराया जाए.