भारत में कोरोना के रोजाना तकरीबन एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. खांसी, बुखार, लॉस ऑफ टेस्ट-स्मैल इस जानलेवा वायरस के कॉमन लक्षण थे. लेकिन नए स्ट्रेन की तबाही के साथ अब नए लक्षण भी देखने को मिले हैं. आइए आपको बताते हैं कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण पुराने वेरिएंट से कितने अलग हैं और इनकी कैसे पहचान की जा सकती है.
हल्की लाल आंखें- चीन में हुई एक हालिया स्टडी के मुताबिक, नए स्ट्रेन पर गौर करने पर कुछ खास लक्षणों की पहचान की गई है. इंफेक्शन के नए वेरिएंट में इंसान की आंखें हल्की लाल या गुलाबी हो सकती हैं. आंखों में लालपन के अलावा, सूजन और आंख से पानी आने की भी शिकायत हो सकती है.
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कानों से जुड़ी दिक्कत- इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑडियोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 का नया स्ट्रेन कानों से जुड़ी दिक्कत को ट्रिगर कर सकता है. स्टडी में करीब 56 प्रतिशतक लोगों में ये परेशानी देखी गई है. अगर आप भी ऐसा कोई लक्षण महसूस कर रहे हैं तो ये कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का संकेत हो सकता है.
पेट से जुड़ी समस्या- नए स्ट्रेन में शोधकर्ताओं ने गैस्ट्रोइंटस्टाइनल से जुड़ी शिकायत होने की बात भी कही है. पहले जहां मरीज को सिर्फ अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में शिकायत होती थी, अब पेट से जुड़ी दिक्कतें भी सामने आ रही हैं. नए स्ट्रेन में लोगों ने डायरिया, उल्टी, पेट में ऐंठन और डायजेस्टिव डिसकम्फर्ट महसूस किया है.
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ब्रेन फॉग- कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित होने वाले लोगों में न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर की समस्या भी देखने को मिल रही है. medRxiv की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय तक कोरोना से बीमार रहने वालों में ब्रेन फॉग या मेंटल कंफ्यूज़न की समस्या देखने को मिली है. इस न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर का असर उनकी नींद और मेमोरी लॉस पर भी पड़ रहा है.
हार्ट बीट- अगर आप कुछ दिनों से दिल की असामान्य गति को महसूस कर रहे हैं तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें, मेयो क्लीनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए स्ट्रेन की चपेट में आने के बाद धड़कन की रफ्तार काफी ज्यादा तेज हो जाती है. JAMA में प्रकाशित एक रिपोर्ट में रिकवर हो चुके 78 प्रतिशत लोगों ने कार्डिएक से जुड़ी समस्या होने की बात कही है. जबकि 60 फीसद लोगों ने मेयोकार्डिएल इन्फ्लेमेशन की शिकायत बताई है.
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सिरदर्द- हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना का नया वेरिएंट बॉडी पर अलग-अलग तरीके से हमला कर रहा है. नया स्ट्रेन बहुत ज्यादा संक्रामक है और फेफड़ों और श्वसन तंत्र में आसानी से फैल जा रहा है. इसकी वजह से निमोनिया हो रहा है जो कोरोना को और घातक बना रहा है.
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पहले वाले लक्षणों में कितना अंतर- कोरोना के पुराने वेरिएंट के लक्षण इससे थोड़े अलग थे. सूखी खांसी, बुखार, गले में दर्द और सांस में तकलीफ ज्यादा देखने को मिल रही थी. हालांकि मौजूदा हालातों में भी इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की भूल नहीं करनी चाहिए.
लॉस ऑफ टेस्ट-स्मैल- कोरोना के पहले स्ट्रेन की चपेट में आने के बाद काफी ज्यादा तादाद में मरीजों को लॉस ऑफ टेस्ट और स्मैल की शिकायत हो रही थी. हालांकि उस वक्त भी कुछ एक्सपर्ट ने ऐसा कहा था कि किसी भी प्रकार के रेस्पिरेटरी डिसीज में इंसान के सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता खत्म हो जाती है.
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उंगलियों में सूजन- पिछले साल मार्च में इटली के कुछ डर्माटोलॉजिस्ट ने कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के पैरों और उंगलियों में सूजन होने की बात कही थी. उन्होंने ये भी दावा किया था कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनकी स्किन का कलर असामान्य ढंग से बदल रहा था. कुछ लोगों की स्किन पर नीले या बैंगली कलर के धब्बे भी देखे गए थे.
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बेचैनी महसूस होना- अमेरिका के वॉशिंगटन नर्सिंग होम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग एक-तिहाई लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए. लेकिन आधे लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं थे. कुछ मरीजों में सिर्फ बेचैनी और मांसपेशियों में दर्द जैसे असामान्य लक्षण देखने को मिले थे.
बहती नाक- कोविड-19 के कुछ मरीजों में बंद नाक या बहती नाक के लक्षण भी देखे गए थे. हालांकि जरूरी नहीं कि नाक बहने की समस्या कोरोनो वायरस का ही संकेत हो. आमतौर पर एलर्जी या ठंड लगने की वजह से भी नाक बहने लगती है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के पांच फीसदी से भी कम मरीज इन लक्षणों का अनुभव करते हैं.
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छींक आना और गले में खराश- कोरोना वायरस के कुछ मरीजों में छींक आना और गले में खराश होने जैसी समस्या देखी गई है. हालांकि छींक आने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप कोरोना वायरस से ही पीड़ित हों. एलर्जी या सर्दी लगने पर भी छींक आने और गले में खराश होने जैसी समस्या हो जाती है.
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