अमेरिका की ड्रग मेकर कंपनी 'जॉनसन एंड जॉनसन' (Johnson & Johnson) की कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट (Corona virus vaccine side effects) से एक वॉलंटियर की अचानक तबियत बिगड़ गई है. इस घटना के बाद कंपनी के तमाम वैक्सीन ट्रायल्स पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है. बता दें कि जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वायरस की वैक्सीन कैंडिडेट के तीसरे चरण के ट्रायल को कंडक्ट कर रहा है. इस खबर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की महत्वकांक्षाओं को भी झटका लगा होगा, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिका में लोगों को वैक्सीन मिलने का दावा किया था.
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कोरोना वायरस (Coronavirus) की तबाही से दुनिया को बचाने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात वैक्सीन पर तेजी से काम कर रहे हैं. हालांकि, क्लीनिकल ट्रायल्स में आ रही रुकावटों से कई बार लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है. इससे पहले ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड (Astrazeneca and Oxford vaccine) के साझा सहयोग से तैयार की जा रही वैक्सीन के भी साइड इफेक्ट सामने आए थे, जिसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन में दर्जनों क्लीनिकल ट्रायल्स को रोक दिया गया था.
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जॉनसन एंड जॉनसन ने सोमवार देर रात को एक बयान जारी करते हुए कहा, 'हमने अपने सभी कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट के क्लीनिकल ट्रायल्स पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है. इस प्रतिबंध में तीसरे चरण का ट्रायल भी शामिल है. स्टडी के दौरान एक प्रतिभागी के अचानक बीमार पड़ने की वजह से ये फैसला लिया गया है.'
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कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'हम अपनी गाइडलाइंस को फॉलो कर रहे हैं. वॉलंटियर के अचानक बीमार पड़ने की समीक्षा और मूल्यांकन डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (DSMB) द्वारा की जा रही है. साथ ही हमारी इंटरनल क्लीनिकल ट्रायल और सेफ्टी फीजिशियंस भी साइड इफेक्ट्स की जांच में जुटे हैं.'
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जॉनसन एंड जॉनसन ने पिछले महीने ही कहा था कि उसके कोविड-19 वैक्सीन के प्रारंभिक और मध्य चरण के क्लीनिकल ट्रायल में इम्यून पर अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं. कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल में 60,000 लोगों पर परीक्षण भी किया था. जॉनसन एंड जॉनसन को इस साल के अंत या 2021 की शुरुआत तक वैक्सीन मिलने की उम्मीद थी.
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हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने वॉलंटियर में साइड इफेक्ट दिखने के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा, 'हम प्रतिभागियों की प्राइवेसी का सम्मान करते हैं और वॉलंटियर के बीमार पड़ने की वजहों को खंगाल रहे हैं. इसलिए किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले सभी आंकड़ों को दुरुस्त कर लेना महत्वपूर्ण है.'
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अपने बयान में जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि वैक्सीन ट्रायल के दौरान वॉलंटियर्स में इस तरह के साइड इफेक्ट दिखना बेहद सामान्य घटना है. प्रतिकूल घटनाएं, बीमारियां या साइड इफेक्ट इसमें शामिल हैं. यहां तक कि किसी इंसान का गंभीर रूप से बीमार पड़ना भी क्लीनिकल ट्रायल का एक हिस्सा है. खासतौर से एक बड़े शोध में ऐसा होता है.
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कुछ दिनों पहले एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर भी बड़ा हंगामा हुआ था. इस वैक्सीन से ब्रिटेन में एक महिला की रीढ़ की हड्डी में गंभीर रूप से सूजन आ गई थी और वो काफी बीमार पड़ गई थी. इसके बाद कंपनी की तरफ से ट्रायल को रोकने का फैसला लिया गया था. एस्ट्राजेनेका के चीफ एग्जीक्यूटिव ने बाद में बताया कि मरीज की हालत अब सुधर रही है.
इस घटना के कुछ समय बाद ही ऑक्सफोर्ड की तरफ से सभी वॉलंटियर्स को एक दस्तावेज भेजा गया, जिसमें दावा किया गया कि ट्रायल में वॉलंटियर को हुई दिक्कत एस्ट्राजेनेका की एक्सपेरीमेंटल वैक्सीन की वजह से नहीं हुई थी. ये बयान सामने आने के बाद ब्रिटेन और अमेरिका में बंद पड़े दर्जनों ट्रायल्स को फिर से शुरू कर दिया गया था.
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