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ब्लैक फंगस से भी ज्यादा खतरनाक व्हाइट फंगस? डॉक्टरों ने बताई सच्चाई

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2021,
  • अपडेटेड 7:44 PM IST
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कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच ब्लैक फंगस भी लोगों में तेजी से फैल रहा है. कई राज्यों में इसे महामारी घोषित किया जा चुका है. अभी लोग ब्लैक फंगस को लेकर जागरुक ही हो रहे थे कि अब व्हाइट फंगस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. आइए जानते हैं कि व्हाइट फंगस क्या है और इसे कैसे पहचाना जा सकता है.
 

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ऐसा कहा गया था कि व्हाइट फंगस के कुछ मामले बिहार में पाए गए थे.लेकिन पीएमसीएच की तरफ से उन दावों को गलत बता दिया गया है. जोर देकर कहा गया है कि व्हाइट फंगस कोई बड़ी बीमारी नहीं है. बल्कि ये एक 'candidiasis' नाम का इंफेक्शन है जो काफी आम है और जिसका इलाज भी आसानी से किया जा सकता है.

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डॉक्टर्स का कहना है कि Candidiasis का इलाज काफी आसानी से किया जा सकता है. वहीं ज्यादातर मामलों में ये इंफेक्शन जानलेवा भी नहीं होता है. इस बारे में डॉक्टर कपिल बताते हैं कि Candidiasis को आसानी से पहचाना जा सकता है. ये बस तभी खतरनाक साबित हो सकता है जब मरीज अपने अंदर दिख रहे तमाम लक्षणों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दें.

 

 

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क्या हैं लक्षण- जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं, आपको हर तरह के लक्षणों को लेकर बहुत जागरुक रहने की जरूरत है. ब्लैक फंगस जहां साइनस, आंखों और फेफड़ों को मुख्य रूप से निशाना बनाता है, व्हाइट फंगस में सिर दर्द, चेहरे के एक तरफ दर्द, सूजन, आंखों के विजन का कमजोर पड़ना और मुंह में छाले जैसे लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं. कहा गया है कि candidiasis का सबसे ज्यादा असर नाक, होठ और मुंह के अंदर देखने को मिलता है.

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ब्लैक फंगस कोरोना से ठीक हो रहे मरीजों को अपना शिकार बना रहा है. लेकिन व्हाइट फंगस को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है. जानाकारी दी गई है कि व्हाइट फंगस, ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक भी नहीं है. अभी के लिए ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जो इस मामूली से इंफेक्शन को ज्यादा खतरनाक बना दें.

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हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस तरह COVID-19 के गंभीर मामलों में कई तरह के स्कैन कराने की जरूरत पड़ती है, वहीं candidiasis में सिर्फ 10 प्रतिशत KOH के साथ माइक्रोस्कोप के जरिए इंफेक्शन की जांच भी की जा सकती है और समय रहते मरीज को ठीक भी किया जा सकता है.

 

 

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ब्लैक फंगस फैलने का खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिन्हें पहले से डायबिटीज जैसी बीमारी है और जो स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं. हाई ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वालों को भी इसका खतरा ज्यादा होता है.
 

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ऐसे में व्हाइट फंगस को ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक बताना गलत है और इसको लेकर ज्यादा चिंता करने की भी जरूरत नहीं है. डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि ये एक आम इंफेक्शन है जिसकी दवाई भी मौजदू है और जिसका इलाज भी समय रहते किया जा सकता है.

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