पूरी दुनिया से कोरोना वायरस वैक्सीन पर अच्छी खबरें आ रही हैं. ब्राजील में चीन की सिनोवेक बायोटक (Sinovac Biotech) वैक्सीन का लेट स्टेज ट्रायल पूरा हो चुका है. वहां की मीडिया के मुताबिक, ट्रायल में सिनोवेक वैक्सीन 75 फीसदी कारगर पाई गई है. रायटर्स के अनुसार, ब्राजील में सिनोवेक के वैक्सीन पार्टनर बुटानटन इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी है.
चीन की इस वैक्सीन का नाम कोरोनावैक (CoronaVac) है. दक्षिण अमेरिका में इस वैक्सीन को जल्द मंजूरी मिल सकती है. ब्राजील में सिनोवेक वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल में लगभग 13,000 वॉलंटियर्स ने भाग लिया था.
सिनोवेक बायोटक की तुलना में मॉडर्ना (Moderna Vaccine) और फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) की वैक्सीन ट्रायल में 90 फीसदी तक कारगर पाई गई है.
हालांकि, चीन की सिनोवेक वैक्सीन को ट्रांसपोर्ट करना आसान बताया जा रहा है. इसे सामान्य रेफ्रिजरेटर के तापमान पर भी स्टोर किया जा सकता है. ब्राजील को उम्मीद है कि वो इस महीने से सिनोवेक वैक्सीन का इमरजेंसी इस्तेमाल शुरू कर सकेगा. इंडोनेशिया, तुर्की, चिली, सिंगापुर, यूक्रेन और थाईलैंड ने भी इस वैक्सीन के लिए कंपनी के साथ डील किया है.
वहीं, WHO का कहना है कि वो चीन की कुछ वैक्सीन की समीक्षा कर रहा था और जल्द ही सिनोवेक बायोटक की इमरजेंसी लिस्टिंग की जा सकती है. आपको बता दें कि करीब 3 हफ्ते पहले ब्राजील की तरफ से इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का डेटा जारी किया गया था जिसमें इस वैक्सीन को 50 फीसदी तक प्रभावी बताया गया था. उस समय शोधकर्ताओं ने कहा थी की इसके बारे में और जानकारी देने में समय लगेगा.
सिर्फ 50 फीसदी प्रभावी बताए जाने पर उस समय सिनोवेक पर ब्राजील के डेटा की काफी आलोचना भी हुई थी और कंपनी से ट्रायल के नतीजों पर पारदर्शिता बरतने की मांग की गई थी. क्लिनिकल ट्रायल एक्सपर्ट्स ने इस डेटा को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया था.
उस समय चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की तरफ से कहा गया था कि तुर्की और इंडोनेशिया जैसे देशों के ट्रायल डेटा इकट्ठा करने का बाद पूरी जानकारी के साथ सिनोवेक का अंतिम और विस्तृत डेटा जारी किया जाएगा.