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स्पर्म के जाने का यह तरीका ही प्रजनन को करता है मुकम्मल

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2021,
  • अपडेटेड 9:38 AM IST
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प्रेग्नेंसी की प्रक्रिया इतनी सुलझी हुई नहीं है जितनी कि लोग आमतौर पर समझते हैं. स्पर्म की क्षमता और एग्स के फर्टिलाइज होने पर अब तक कई स्टडीज की जा चुकी हैं और हर बार एक नई जानकारी सामने आती है. लाखों स्पर्म एग को फर्टिलाइज करने की रेस में हिस्सा लेते हैं लेकिन इनमें से बस एक ही कामयाब हो पाता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि विजेता में एक खास गुण होता है जो बाकियों में नहीं होता है.

 

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स्पर्म पर की गई एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि एग्स फर्टिलाइज करने के लिए स्पर्म को बहुत तेज गति की जरूरत होती है. स्पर्म अपनी तैराकी क्षमता का इस्तेमाल एग्स तक पहुंचने के लिए प्रजनन मार्ग ढूंढने में करते हैं. जो स्पर्म तेज गति से आगे बढ़ता है, वही रास्ते में आने वाली बाधाओं को पार कर एग तक पहुंच पाता है. 

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ये स्टडी अमेरिका के येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर जीन-जू चुंग ने की है जो सेल नाम की पत्रिका में छपी है. इससे पहले प्रोफेसर चुंग चूहों और इंसानों के प्लेसेंटा में स्पर्म की गतिशीलता पर स्टडी कर चुके हैं. प्लेसेंटा में ही भ्रूण का विकास होता है.

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चुंग और उनकी टीम का कहना है कि स्पर्म अपनी पूंछ के जरिए कैल्शियम की मदद से तैरते हुए महिला के प्रजनन अंग तक पहुंचता है. हर स्पर्म की पूंछ में कैल्शियम की एंट्री के लिए कुछ छिद्र होते हैं, कैल्शियम का यही तंत्र उसकी दिशा और गतिशीलता को नियंत्रित करते हैं. इस नई स्टडी की रिसर्च टीम में शामिल एक अन्य लेखक जे योन ह्वांग ने मार्सुपियल्स प्रजाति के ओपस्सम जीव में स्पर्म की और गतिविधियां जानने की कोशिश की. 

 

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चुंग की टीम ने पाया कि इन जानवरों में भी स्पर्म की गतिशीलता कैल्शियम से बने तंत्र की वजह से होती है जैसे कि इंसानों में होती है. हालांकि इस जानवर के स्पर्म की तीव्र गतिशीलता सिर्फ एग्स फर्टिलाइज करने तक होती है ना कि फर्टिलाइजेशन का रास्ता ढूंढने में.

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प्लेसेंटा वाले स्तनधारियों की तुलना में मार्सुपियल्स प्रजाति के प्रजनन अंग कम जटिल होते हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि स्पर्म में सबसे पहले अतिसक्रिय गतिशीलता आई जो एग्स बैरियर्स में घुसने का काम करते हैं. इसके बाद वो इसका इस्तेमाल महिलाओं के शरीर में प्रजनन संबंधी रास्ते को ढूंढने में करने लगे. 
 

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चुंग ने कहा, 'यह देखना आश्चर्यजनक है कि सफल प्रजनन के लिए पुरुष और महिलाओं का सिस्टम कितने आराम से एक-दूसरे के अनुकूल बन जाता है.' आईवीएफ (विट्रो फर्टिलाइजेशन) की प्रक्रिया के लिए भी चुने गए स्पर्म की गतिशीलता सबसे जरूरी होती है. गतिशील स्पर्म में डीएनए क्षति कम होती है.

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ये स्टडी येल स्कूल ऑफ मेडिसिन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट द्वारा फंड की गई थी. इससे पहले एक स्टडी में बताया गया था कि स्पर्म महिलाओं के शरीर को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाता है.

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