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प्रेग्नेंसी रोकने का नया तरीका, बाजू-कंधे पर जेल लगाकर होगा स्पर्म पर कंट्रोल

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST
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पुरुषों के लिए गर्भ निरोधक का सबसे आम तरीका कंडोम है. हालांकि, अब वैज्ञानिक पुरुषों के लिए बर्थ कंट्रोल के सबसे आसान और सस्ते तरीके की खोज कर रहे हैं. ये शोध ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय की तरफ से किया जा रहा है. ये गर्भ निरोधक जेल के रूप में होगा.
 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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इस जेल का नाम NES/T है जिसे पुरुष कान्ट्रसेप्शन में एक महत्वपूर्ण खोज माना जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि पुरुषों के बर्थ कंट्रोल के इस तरीके से महिलाओं पर गर्भ निरोधक का बोझ कम पड़ेगा.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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शोध में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 100 से अधिक पुरुषों को NES/T जेल का इस्तेमाल करने को कहा. ये जेल एक सिंथेटिक के रूप में काम करता है जो प्रोजेस्टिन हार्मोन के जरिए स्पर्म के स्तर को धीमा करने और टेस्टोस्टेरोन के जरिए यौन इच्छा को बढ़ाता है. इस जेल को पुरुषों को अपनी बाजुओं और कंधे पर लगाना होगा, जिसके बाद स्किन इस जेल में मौजूद हार्मोन्स को एब्सोर्ब कर पुरुषों में स्पर्म के प्रोडक्शन को कम कर देगी.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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शोध में शामिल पुरुषों ने ये जेल हर दिन अपनी ऊपरी बाजू और कंधों पर लगाया. ट्रायल के दौरान डॉक्टरों ने इन पुरुषों के स्पर्म काउंट पर निगरानी रखी. NES/T जेल ठीक उसी जेल की तरह ही है जिसे कम टेस्टोस्टेरोन वाले पुरुष अपनी जांघों और धड़ पर लगाते हैं.
 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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इस ट्रायल के बाद उम्मीद की जा रही है कि ज्यादातर पुरुष कंडोम और मेल पिल्स की बजाय जेल को ही चुनना पसंद करेंगे. डॉक्टर बेबाक अशरफी ने 'द टेलीग्राफ' को बताया, 'जेल के इस्तेमाल के बाद लोग ज्यादा संतुष्ट दिखाई देते हैं.'

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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डॉक्टर बेबाक अशरफी ने कहा, 'हालांकि कुछ पुरुषों को गर्भ निरोधक का ये तरीका थोड़ा बोझिल लग सकता है क्योंकि इस जेल को सुखाने में थोड़ा वक्त लगता है. इसके अलावा ये एक नई दवा है इसलिए लंबी अवधि में इसके परिणामों को पूरी तरह से समझा जाना अभी बाकी है. यही वजह है कि कुछ लोग इसे लेने में हिचकिचा सकते हैं.'
 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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पुरुषों के लिए बर्थ कंट्रोल को लेकर पिछले कुछ सालों में काफी शोध हुए हैं. साल 2016 में Wolverhampton University के शोधकर्ताओं ने बताया था कि उन्होंने स्पर्म स्विमिंग को रोकने का तरीका विकसित किया है. इसके जरिए छोटे-छोटे कंपाउंड स्पर्म में मिलकर इसकी क्षमता को कम कर देंगे जिससे महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं होंगी. 

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