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इंडोनेशिया में मिला 10 गुना ज्यादा संक्रामक कोरोना वायरस, फिर भी है अच्छी खबर

aajtak.in
  • 31 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 11:36 AM IST
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कोरोना वायरस अब तेजी से अपना रूप बदल रहा है. ताजा मामला इंडोनेशिया का है जहां कोरोना की नई किस्म का पता चला है जो दस गुना ज्यादा संक्रामक है. ये जानकारी जकार्ता के इज्कमैन इंस्टीट्यूट फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने दी है. यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, रविवार को कोरोना के 2,858 नए केस सामने आए, जो पिछले महीने आ रहे औसतन मामलों से कहीं ज्यादा है.

 

PHOTO- REUTERS

 

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इज्कमैन इंस्टीट्यूट के डिप्टी डायरेक्टर हेरावती सुडोयो का कहना है कि कलेक्ट किए गए सैंपल के जीनोम सीक्वेंस में कोरोना का D614G म्यूटेशन पाया गया है. सुडोयो के अनुसार, वायरस का ये रूप घातक तो नहीं लेकिन ज्यादा संक्रामक है. हालांकि उन्होंने इसे लेकर और स्टडी किए जाने की जरूरत बताई है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के पीछे कोरोना का बदलता रूप तो नहीं है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वायरस के इस स्ट्रेन की पहचान फरवरी के महीने में ही हो गई थी. वायरस का ये स्ट्रेन यूरोप, अमेरिका सिंगापुर और मलेशिया में भी पाया जा चुका है. यह वायरस अपने पहले के स्वरूपों की तुलना में 10 गुना ज्यादा संक्रामक लेकिन कम घातक है. 
 

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इंडोनेशिया यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ स्याहरिजल सिराइफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल के अंत तक 500,000 तक मामले बढ़ सकते हैं इसलिए इंडोनेशिया के लोगों को सतर्क रहना चाहिए. सिराइफ ने कहा, 'स्थिति गंभीर है और लोकल ट्रांसमिशन वर्तमान में नियंत्रण से बाहर है.' 

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जकार्ता स्वास्थ्य एजेंसी के एक अधिकारी द्वी ओक्टाविया ने एक बयान में कहा, 'बढ़ते मामलों को देखते हुए हमें लोगों और सरकार की तरफ से जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है.' ओक्टाविया ने सबसे घर पर रहने का आग्रह करते हुए लोगों से बाहर निकलते समय मास्क पहनने की अपील की.

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अमेरिका में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ इनफेक्शियस डिजीज के अध्यक्ष पॉल टमब्याह ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से इस बात के सबूत मिलते हैं कि इससे मृत्यु दर में गिरावट आई है जो बताता है कि ये कम घातक है. उन्होंने कहा कि म्यूटेट होने के बाद अधिकांश वायरस उतने गंभीर नहीं रह जाते हैं. उन्होंने कहा, 'शायद ये एक अच्छी बात है कि ये वायरस अधिक संक्रामक तो है, लेकिन कम घातक है.'

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इससे पहले मलेशिया में भी कोरोना वायरस के एक नए स्ट्रेन का पता चला था कि जो कि पहले के वायरस की तुलना में दस गुना ज्यादा संक्रामक था. अगस्त की शुरुआत में मलेशिया के स्वास्थ्य महानिदेशक नूर हिशाम अब्दुल्ला ने वायरस का नया स्ट्रेन पाए जाने के बाद लोगों से ज्यादा सावधान रहने का आग्रह किया था. 

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नूर हिशाम ने चेतावनी देते हुए कहना था कि वायरस का नया स्ट्रेन 10 गुना अधिक संक्रामक और हो सकता है कि वर्तमान में वैक्सीन की सारी कोशिशें बेकार हो सकती हैं. हालांकि पॉल टमब्याह इससे इत्तेफाक नहीं रखते. टमब्याह का कहना है कि म्यूटेशन से वायरस में ऐसा बदलाव नहीं आएगा कि जिससे वैक्सीन बेकार हो जाए.
 

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