प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की ''अटल पेंशन योजना'' के पांच साल पूरे हो चुके हैं. पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के मुताबिक योजना में अंशधारकों की संख्या 2.2 करोड़ से ऊपर पहुंच गई है. आइए इस योजना के बारे में कुछ जरूरी बातें जानते हैं..
अटल पेंशन योजना का मकसद वृद्धावस्था में आय सुरक्षा प्रदान करना है. इसमें 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाती है. इस योजना को देश का कोई भी नागरिक 18 से 40 साल की उम्र में ले सकता है.
योजना के लिये जरूरी है कि संबंधित व्यक्ति का बैंक में खाता हो. इसमें 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की पेंशन की गारंटी दी गयी है.
योजना की खासियत यह है कि इसमें अंशधारक के निधन होने पर पेंशन उसके पति/पत्नी को दी जाती है. इतना ही नहीं, दोनों के निधन के बाद पेंशन कोष में जमा राशि नामित व्यक्ति को दे दी जाती है.
इस उम्र में अगर आप प्रति माह 42 रुपये निवेश करते हैं तो 60 साल की उम्र में 1 हजार रुपये प्रति माह मिलेगा. वहीं 210 रुपये के कंट्रीब्यूशन पर आपको प्रति माह 5 हजार रुपये मिलेंगे. इसके लिए उम्र 18 साल ही होनी चाहिए.
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के मुताबिक पहले दो साल में लगभग 50 लाख अंशधारक इससे जुड़े और तीसरे साल में यह संख्या दोगुनी होकर एक करोड़ पर पहुंच गयी. वहीं चौथे साल में यह संख्या बढ़कर 1.50 करोड़ हो गयी. पिछले वित्त वर्ष में योजना से करीब 70 लाख अंशधारक जुड़े. बता दें कि पीएफआरडीए अटल पेंशन योजना की देखरेख करने वाली नोडल एजेंसी है.