बिहार के रहने वाले सुधीर कुमार को अपने आधार, पैन कार्ड, बैंक पासबुक समेत अन्य जरूरी डॉक्युमेंट की फोटोकॉपी करवानी थी. इसके लिए सुधीर फोटोकॉपी की दुकान पर गए. सुधीर की लापरवाही की वजह से दुकानदार ने उसके डॉक्युमेंट की अतिरिक्त कॉपी लेकर रख ली.
यही नहीं, इसके जरिए दुकानदार ने सुधीर कुमार के नाम पर फर्जी तरीके से लोन भी ले लिया. सुधीर को इसकी जानकारी तब मिली जब लोन की पहली किस्त कटने वाली थी.
देश के अलग—अलग हिस्सों से सुधीर जैसे कई लोग होंगे, जो फर्जी लोन के
शिकार हो चुके हैं. लेकिन सवाल है कि इस जाल में फंसने से कैचे बचा जाए. आज
हम आपको रिपोर्ट में विस्तार से इसकी जानकारी देंगे..
आपको क्या करना चाहिए
— किसी भी सूरत में अपना केवाईसी डॉक्युमेंट किसी दूसरे व्यक्ति को इस्तेमाल करने के लिए न दें. जान पहचान के व्यक्ति द्वारा भी आपके डॉक्युमेंट का फर्जी इस्तेमाल किया जा सकता है.
—अपने केवाईसी डॉक्युमेंट को फोटोकॉपी कराते वक्त सावधान रहने की जरूरत
है. यह देखते रहें कि कोई आपके डॉक्युमेंट की अतिरिक्त कॉपी तो नहीं निकाल
रहा है.
—अगर फोटोकॉपी कराते वक्त किसी डॉक्युमेंट की साफ छवि नहीं आती है तो उसे दुकानदार से लेकर नष्ट कर दें, जिससे उसका इस्तेमाल किसी अन्य व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सके.
— इसी तरह, अगर आप किसी केवाईसी डॉक्युमेंट का प्रिंट निकलवाना चाहते हैं तो भी सतर्कता जरूरी है.
—किसी भी सुविधा को लेने के लिए जब अपने केवाईसी डॉक्युमेंट का फोटोकॉपी लगाएं तो उस फोटोकॉपी में डिसक्लेमर जरूर डालें. ये बताएं कि आप डॉक्युमेंट की कॉपी किस मकसद से और किस तिथि को दे रहे हैं.
— इसी तरह किसी को जरूरी डॉक्युमेंट का मेल या वॉट्सऐप भेजने से बचने की जरूरत है. आपको बता दें कि ऐसे कई मामले आए हैं जब फर्जी दस्तावेज जमा करके लोन लिया गया है. इन मामलों के बारे में तभी पता चल पाता है जब किस्त कटने की बारी आती है. अधिकतर मामलों में बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत से ही ये फर्जीवाड़ा संभव हो पाया है.