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कोरोना की वजह से नहीं टलेगा विलय, 1 अप्रैल से 10 के बदले होंगे 4 बैंक

aajtak.in
  • 26 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST
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कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने कहा कि बैंकों के विलय की योजना पटरी पर है और 1 अप्रैल से इस पर अमल शुरू हो जाएगा. दरअसल, पूरे देश में लॉकडाउन होने के बावजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही है. (Photo: File)

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दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमडल ने इस महीने की शुरुआत में 10 सरकारी बैंकों के विलय करके 4 बैंक करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस विलय को अगले वित्त वर्ष से प्रभाव में आना है. यानी 1 अप्रैल से 10 बैंक विलय होकर 4 बैंक बन जाएंगे. (Photo: File)

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कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए जब वित्त मंत्री से पूछा गया कि क्या सरकार सरकारी बैंकों के विलय की समयसीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है. (Photo: File)

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वहीं बैंक मामलों के सचिव देबाशीष पांडा ने कहा कि विलय प्रक्रिया पटरी पर है, उन्होंने उम्मीद जताई कि बैंकिंग सेक्टर कोरोना महामारी की चुनौती से पार पा लेगा. वित्त मंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ तबकों से यह मांग है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए विलय की समयसीमा बढ़ाई जाए. (Photo: File)

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ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोराना वायरस मामले को देखते हुए विलय पक्रिया आगे बढ़ाने की अपील की थी. (Photo: File)

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प्रस्तावित विलय के तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इलाहबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होना है. (Photo: File)

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इस विलय के बाद देश में सात बड़े आकार के बैंक होंगे जिनका कारोबार 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का होगा. विलय के बाद देश में सात बड़े बैंक, पांच छोटे बैंक रह जाएंगे. वर्ष 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 थी. (Photo: File)

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