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पेंशन फंड में निवेश के नियम बदलेगी मोदी सरकार, चीन को लगेगा झटका

aajtak.in
  • 20 जून 2020,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST
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लद्दाख में LAC पर हिंसक झड़प के बाद से चीन और भारत के बीच तनाव बरकरार है. वहीं, भारत सरकार ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर घेरना शुरू कर दिया है.

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इसी के तहत अब वित्त मंत्रालय ने पेंशन फंड में विदेशी निवेश के नियम बदलने का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव के तहत चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन फंड में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा.

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अगर कोई व्यक्ति या ईकाई निवेश करता है तो उसे सरकार से मंजूरी लेनी होगी. फिलहाल, सिर्फ बांग्लादेश और पाकिस्तान से होने वाले निवेश को लेकर ही सरकारी मंजूरी की जरूरत का प्रावधान है.

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आपको बता दें कि पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के नियमन के तहत पेंशन फंड में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है.

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इस बीच, व्यापारियों के संगठन CTI ने क्रिकेट में चीन के दखल को लेकर BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली को पत्र लिखा है. चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( CTI)  ने BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली को पत्र लिखा है.

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CTI के कन्वीनर बृजेश गोयल ने पत्र में मांग की है कि चीनी कंपनियों के साथ करार रद्द कर दिया जाए.

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पत्र में कहा गया है कि BCCI ने चीनी कंपनियों से करार रद्द नहीं किया तो दिल्ली समेत देश के सभी व्यापारी IPL समेत सभी घरेलू अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सीरीज का बहिष्कार करेंगे और इसके खिलाफ CTI अभियान भी चलाएगा.

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