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सोना, FD या शेयर? जानें, जनवरी से अब तक कहां मिला सबसे बढ़िया रिटर्न

aajtak.in
  • 06 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST
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बचत के पैसे अब बैंक में जमा करने की जगह लोग तरह-तरह के साधनों में निवेश कर अच्छे रिटर्न हासिल करने की कोशिश करते हैं. निवेशकों के सामने  शेयर बाजार, बैंक एफडी, म्यूचुअल फंड, सोना, चांदी जैसे निवेश के बहुत से विकल्प हैं. आइए जानते हैं कि इस साल जनवरी से अब तक यानी पिछले सात महीने में किस साधन में निवेश से नुकसान हुआ है और किसमें सबसे बढ़िया रिटर्न मिला है.

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NSE निफ्टी
शेयर बाजार को अच्छे रिटर्न का साधन माना जाता है. लेकिन पिछले सात महीनों में शेयर बाजार की हालत ठीक नहीं है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों के सूचकांक को निफ्टी कहा जाता है. जनवरी से अब तक निफ्टी सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले साधनों में से है. निफ्टी में 9.1 फीसदी की गिरावट आई है, यानी अगर इसमें किसी ने 100 रुपये लगाया तो उसका धन करीब 91 रुपये ही रह गया.

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BSE सेंसेक्स
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 30 शेयरों वाला सूचकांक है. निफ्टी की तरह इस पर भी कोरोना संकट का असर पड़ा है. जनवरी से अब तक सेंसेक्स में भी करीब 9 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि इस साल 20 जनवरी को सेंसेक्स अपने लाइफटाइम हाई 42,273.87 पर प​हुंच गया था.

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 ELSS म्यूचुअल फंड
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) वाले म्यूचुअल फंड ऐसे साधन होते हैं जिनके द्वारा निवेशकों का पैसा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है. इसमें टैक्स की बचत भी होती है, इसलिए यह ज्यादा लोकप्रिय हैं. लेकिन जनवरी से अब तक ऐसे फंडों का औसत रिटर्न देखें तो इसमें 7.97 फीसदी  का नेगेटिव रिटर्न मिला है यानी निवेशकों को करीब 8 फीसदी का घाटा ही हुआ है.

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लार्जकैप म्यूचुअल फंड
लार्जकैप म्यूचुअल फंडों के निधि का बड़ा हिस्सा ब्लू चिप यानी दिग्गज कंपनियों के शेयर में लगाया जाता है. इनमें निवेश करने वालों को भी नुकसान ही हुआ है. इस साल की शुरुआत से अब तक लार्जकैप फंडों के औसत निवेश में 7.78 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न मिला है.

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मिडकैप म्यूचुअल फंड
मिडकैप म्यूचुअल फंड अपने एसेट का ज्यादातर हिस्सा मिडकैप यानी मध्यम बाजार पूंजी वाली कंपनियों में लगाते हैं. जनवरी से अब तक इन फंडों के निवेश में भी 4.87 फीसदी का नुकसान हुआ है.

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स्मालकैप म्यूचुअल फंड
स्मालकैप म्यूचुअल फंड अपने एसेट का ज्यादातर हिस्सा छोटी कंपनियों के शेयरों में लगाते हैं. लार्जकैप म्यूचुअल फंडों की तुलना में तो इनका प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा है, लेकिन इनमें भी निवेशकों को नुकसान ही हुआ है. जनवरी से अब तक ऐसे फंडों में औसतन 5.19 का नेगेटिव रिटर्न मिला है. यानी किसी ने 100 रुपये लगाए तो उसका निवेश 94.81 रुपये ही रह गया.

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रियल एस्टेट
रियल एस्टेट की हालत तो पिछले कई साल से खराब है. इस साल भी इसके वैल्यू में और गिरावट आई है. रिजर्व बैंक के हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (HPI) के मुताबिक इस साल की पहली तिमाही में देश के शीर्ष 8 शहरों के रियल एस्टेट वैल्यू में 0.2 फीसदी की गिरावट आई है.

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बैंक FD
बैंकों की सावधि जमा योजनाएं यानी एफडी (FD) ऐसा साधन है जिसमें इस साल की शुरुआत से अब तक निवेशकों को पॉजिटिव रिटर्न मिला है. इस साल जनवरी से अब तक इसमें निवेशकों को करीब 5 फीसदी का रिटर्न मिला है.  यानी किसी ने 100 रुपये लगाए थे वे 105 रुपये हो गए. इसमें निवेश करने पर किसी तरह का जोखिम भी नहीं होता.

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सोना (Gold)
सोना यानी गोल्ड को निवेश का सदाबहार साधन माना जाता है, जिसमें नुकसान की गुंजाइश बहुत कम रहती है. इस साल तो सोने ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. 1 जनवरी 2020 को 10 ग्राम सोना 39,108 रुपये का था और 31 जुलाई तक इसकी कीमत बढ़कर  53,743 रुपये हो गई. यानी सात महीने में ही सोने ने निवेशकों को 37.4 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है.

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चांदी (Silver)
चांदी यानी सिल्वर ने भी इस साल निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है. जनवरी से जुलाई तक इसमें निवेश बनाये रखने वालों को 38.76 फीसदी का भारी रिटर्न मिला है. यानी निवेश के उक्त सभी साधनों में विजेता चांदी ही है. 1 जनवरी को एक किलो चांदी का मूल्य  46,105 रुपये था, जो 31 जुलाई को बढ़कर 63,975 रुपये पहुंच गया. 
(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)

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