गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की आज अहम बैठक होने वाली है. जीएसटी काउंसिल की यह बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में होने जा रही है. यह बैठक इसलिए अहम है कि इसमें जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर विचार किया जा सकता है.
जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने पर सरकार का फोकस
दरअसल जीएसटी काउंसिल की यह बैठक उम्मीद से कम रेवेन्यू कलेक्शन को लेकर बढ़ती चिंताओं की पृष्ठभूमि में हो रही है. जीएसटी कलेक्शन कम होने से राज्यों को क्षतिपूर्ति भुगतान में विलंब हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जीएसटी स्लैब और दरों में इजाफे जैसे फैसले भी लिए जा सकते हैं.
हालांकि, पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों ने देश में आर्थिक सुस्ती के माहौल को देखते हुए जीएसटी की दरों और सेस में किसी तरह की बढ़ोतरी का विरोध किया है. लेकिन जीएसटी कलेक्शन में कमी की भरपाई करने के लिए GST दर और सेस में बढ़ोतरी किए जाने के सुझाव दिए गए हैं.
अगले चार महीने के लिए GST कलेक्शन का लक्ष्य निर्धारित
इस बीच वित्त मंत्रालय ने जीएसटी कलेक्शन के लक्ष्य में बदलाव किया है.
पीटीआई के मुताबिक 2019-20 के बचे चार महीनों में हर माह 1.1 लाख करोड़
रुपये जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य रखा है. नवंबर 2018 के मुकाबले नवंबर 2019
में जीएसटी कलेक्शन में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 1.03 लाख
करोड़ रुपये पर पहुंच गया. नवंबर 2018 में 97,637 करोड़ रुपये का जीएसटी
कलेक्शन हुआ था.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-नवंबर, 2019 के बीच सेंट्रल GST कलेक्शन बजट अनुमान से 40 फीसद कम रहा है. इस अवधि में 3,28,365 करोड़ रुपये का सीजीएसटी कलेक्शन हुआ जबकि बजट में इस दौरान 5,26,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान लगाया गया था.
आर्थिक मोर्चे पर सरकार को लगातार झटके
बता दें, केंद्र सरकार को लगातार जीएसटी कलेक्शन के मोर्चे पर झटका लगा है. सरकार को जितनी उम्मीद थी, उससे बहुत कम कलेक्शन हो रहा है. वहीं GST काउंसिल की यह अहम बैठक ऐसे समय हो रही है, जब खाने-पीने की बढ़ती कीमतों की वजह से खुदरा महंगाई दर तीन साल के उच्चतम स्तर 5.54 फीसद पर पहुंच गई है. दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्र का उत्पादन अक्टूबर में भी गिरा.
टैक्स स्लैब में बदलाव पर विचार
निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स स्लैब में बदलाव किए जाने के भी आसार हैं. जीएसटी संग्रह के लक्ष्य से लगातार पीछे चल रही सरकार ने कमाई बढ़ाने के लिए जीएसटी अधिकारियों से सलाह मांगी थी. जिसमें सिफारिश की गई है कि 5 फीसदी टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 8 फीसदी किया जाए.
इसके अलावा खबर की मानें तो राज्यों के अधिकारी और जीएसटी के स्टेकहोल्डर्स की ओर सुझाव है कि 4 स्लैब वाले जीएसटी को तीन स्लैब में बदल दिया जाए, जिसके तहत 5 फीसदी के स्लैब को बढ़ाकर 8 फीसदी, 12 फीसदी के स्लैब को 18 फीसदी में मर्ज कर दिया और 28 फीसदी के स्लैब को वैसा ही रहने दिया जाए. हालांकि इस खबर की पुष्टि नहीं हुई है.
वर्तमान में जीएसटी के चार स्लैब हैं- 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी. 28 फीसदी टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुओं पर सेस भी लगाया जाता है जो कि 1 से 25 फीसदी के बीच हो सकता है. दरअसल जीएसटी कलेक्शन में गिरावट की वजह केंद्र सरकार को हर महीने करीब 13,750 करोड़ रुपये राज्यों को बतौर मुआवजा देना पड़ रहा है.
5 ट्रिलियन इकोनॉमी सरकार का लक्ष्य
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य रखा है. लेकिन इकोनॉमी में रफ्तार नहीं पकड़ रही है. वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पांच फीसदी से नीचे पहुंच गई है. कई सेक्टर्स को मुआवजे की जरूरत है, ऐसे में सरकार पर बोझ बढ़ रहा है और इससे निपटने के लिए जीएसटी कलेक्शन को बढ़ाना बेहद जरूरी हो गया है.