कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो में लोग महज 5 रुपये में सफर कर पाएंगे. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे से यह मेट्रो आम जनता के लिए खोल दी गई है. देश की यह पहली मेट्रो है जो अंडर वॉटर यानी नदी के नीचे बनी सुरंग में चलेगी. इसके अलावा इस मेट्रो की कई खासियतें हैं.
पहली खासियत: यह पहली ऐसी मेट्रो सेवा होगी जो अंडर वॉटर यानी पानी के बीच बनी सुरंग में चलेगी. पहले फेज में फिलहाल 6 किलोमीटर लंबी लाइन की शुरुआत होने जा रही है. यह लाइन कुल 16.6 किलोमीटर की होगी.
दूसरी खासियत: यह दुनिया की सबसे सस्ती मेट्रो सेवा होगी, जिसमें एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक का किराया मात्र 5 रुपये होगा. यह किसी भी मेट्रो सेवा की तुलना में सबसे सस्ती मेट्रो सेवा होगी. कोलकाता मेट्रो के अनुसार 2 किमी तक के लिए 5 रुपये, 5 किमी तक 10 रुपये, 10 किमी तक 20 रुपये तथा 16.5 किमी तक के लिए 30 रुपये यात्रियों को चुकाने होंगे.
तीसरी खासियत: ईस्ट-वेस्ट मेट्रो भारत की पहली अंडर वॉटर मेट्रो है. पहले फेज में यह साल्ट लेक सेक्टर पांच से साल्ट लेक स्टेडियम तक चलेगी. 6 कोच वाले इस मेट्रो में 2100 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं. हर 90 सेकंड के अंतराल पर कोलकाता में ये मेट्रो चलेगी.
चौथी खासियत: मेट्रो प्राधिकरण का कहना है कि इससे लोगों को सबसे ज्यादा समय की बचत होगी. क्योंकि हुगली नदी को सड़क रास्ते से पार करने में लोगों को करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगता है. वहीं नाव के द्वारा नदी को पार करने में करीब 15 मिनट का वक्त लगता है. जबकि इस नई मेट्रो से केवल एक मिनट में अंडर वाटर टनल के जरिए नदी पार हो जाएगी.
पांचवीं खासियत: ईस्ट-वेस्ट मेट्रो लाइन साल्ट लेक सेक्टर 5 से हावड़ा मैदान तक चलेगी, जो कि करीब कुल 16.60 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. जिसमें 5.8 किलोमीटर elevated कॉरिडोर यानी जमीन से ऊपर से चलेगी. जबकि यह मेट्रो 10.8 किलोमीटर तक अंडर ग्राउंड चलेगी, इसमें से 520 मीटर हुगली नदी के नीचे बनी टनल से होकर गुजरेगी.
छठी खासियत: मेट्रो प्राधिकरण ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाया है. इसमें प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और डिटेक्शन सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी. स्वचालित अत्याधुनिक मेट्रो रैक को फिलहाल मोटरमैन द्वारा चलाया जाएगा.
सातवीं खासियत: इस सुरंग को बनाने में रूस और थाइलैंड के विशेषज्ञों से सलाह ली गई है. वहीं सुंरग में पानी का रिसाव रोकने के लिए दुनिया की सबसे बेहतरीन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. टनल को पानी के रिसाव से बचाने के लिए 3 स्तर के सुरक्षा कवच बनाए गए हैं.
आठवीं खासियत: छह कोच वाली यह नई अत्याधुनिक मेट्रो है. यात्रियों को ईस्ट वेस्ट मेट्रो सेवा सुबह 8 से शाम 8 बजे तक मिलेगी. इस सुरंग में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मेट्रो ट्रेन दौड़ पाएगी.
नौवीं खासियत: इस प्रोजेक्ट पर साल 2009 से काम चल रहा है. रेल मंत्री पीयूष गोयल के कार्यकाल में भी ये काम काफी तेजी से हो रहा है. उम्मीद की जा रही है कि 2021 में यह पूरी लाइन शुरू हो जाएगी. फिलहाल 12 किलोमीटर लोग इस मेट्रो से सफर का आनंद ले पाएंगे.
दसवीं खासियत: कोलकाता ने 20वीं सदी में देश की पहली मेट्रो सेवा शुरू करके इतिहास रचा था. कोलकाता में पहली मेट्रो रेल सेवा 1984 में शुरू हुई थी.
रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर सेवा शुरू होने से कोलकाता के यातायात की व्यवस्था में एक बड़ा परिवर्तन लाएगी, और इससे यहां के निवासियों को समय की बचत के साथ आरामदायक सफर की सुविधा मिलेगी.