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एक अफवाह से LIC को लगा बड़ा झटका, कंपनी ने कहा- मत दें ध्यान

aajtak.in
  • 18 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST
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जब से बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आईपीओ लाने का ऐलान किया है, तभी से लगातार LIC की जुड़ीं कई तरह की खबरें आ रही हैं. इन खबरों ने उन लोगों को परेशान कर दिया है जो किसी-न-किसी रूप से LIC से जुड़े हैं. खासकर LIC पॉलिसी धारक बाजार में चल रहे अफवाहों से घबराए हुए हैं. (Photo: File)

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दरअसल बाजार में खबरें चल रही थीं कि दिग्गज बीमा कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का अपनी बैंक इकाई आईडीबीआई में विलय कर सकती है. लगातार चल रही, इस तरह की रिपोर्टों के बाद कंपनी का बयान सामने आया है. (Photo: File)

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जीवन बीमा निगम ने सोमवार को कहा कि उसको अपनी सब्सिडाइज कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लि. (एलआईसीएचएफएल) का किसी अन्य इकाई के साथ विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है. (Photo: File)

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भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने स्पष्टीकरण में कहा, 'वास्तव में एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का किसी अन्य इकाई में विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है. बाजार में जो भी अफवाह है, वह तथ्यों पर आधारित नहीं है.' (Photo: File)

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वहीं IDBI बैंक ने एक अलग सूचना में स्पष्ट किया कि निदेशक मंडल बैठक में इस प्रकार के किसी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई है. इस खबर के बाद एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का शेयर लगातार गिर रहे हैं. मंगलवार को भी 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही है. (Photo: File)

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इससे पहले सोमवार को कारोबार के अंत में यह 7.71 प्रतिशत की गिरावट के साथ 380.30 रुपये पर बंद हुआ. वहीं आईडीबीआई का शेयर भी 2.54 प्रतिशत घटकर 34.50 रुपये पर रहा. हालांकि जब LIC का IPO लाने का ऐलान किया गया ह उसी दिन से एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस से शेयर में गिरावट देखने को मिल रहे हैं. (Photo: File)

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आईडीबीआई बैंक में एलआईसी की 51 फीसदी हिस्सेदारी है. बैंक का एकल आधार पर शुद्ध घाटा दिसंबर 2019 को समाप्त तिमाही में बढ़कर 5,763.04 करोड़ रुपये पहुंच गया. इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में बैंक को 4,185.48 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. मुख्य रूप से फंसे कर्ज में बढ़ोतरी के कारण बैंक का घाटा बढ़ा है. (Photo: File)

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार आईपीओ के जरिये कम से कम LIC की 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी, क्योंकि यह एक मानदंड के अनुरूप है. एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के संबंध में वित्त सचिव राजीव कुमार ने बताया कि LIC को अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सूचीबद्ध किया जाएगा. यानी इसी साल ही LIC का आईपीओ आएगा. (Photo: File)

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