Advertisement

बिजनेस

पेट्रोल पंप खोलने का मौका, मोदी सरकार ने नियमों को लेकर बताई ये बात

aajtak.in
  • 05 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 9:11 AM IST
  • 1/8

बीते कुछ समय से प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी के लिए केंद्र सरकार अलग—अलग सेक्टर में कई नियमों को बदल चुकी है. इसी के तहत नवंबर 2019 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के नियमों में भी बदलाव हुआ था. अब सरकार ने बीते साल के नियम को लेकर एक बयान जारी किया है.

  • 2/8

सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक 250 करोड़ रुपये नेटवर्थ तक की इकाई या तो थोक या फिर केवल खुदरा ग्राहकों को ही पेट्रोल और डीजल की बिक्री का लाइसेंस प्राप्त कर सकती है.

  • 3/8

बयान में कहा गया है कि जो इकाइयां खुदरा और थोक दोनों ग्राहकों को ईंधन बिक्री का लाइसेंस चाहती हैं उनका न्यूनतम नेटवर्थ आवेदन के समय 500 करोड़ रुपये होना चाहिए.

Advertisement
  • 4/8

आपको बता दें कि पिछले साल सरकार ने वाहन ईंधन के बिक्री कारोबार के नियमों को सरल बना दिया था.

  • 5/8

इससे पहले तक किसी कंपनी को भारत में ईंधन के खुदरा कारोबार के लिए लाइसेंस पाने के वास्ते हाइड्रोकॉर्बन खोज और उत्पादन, रिफाइनिंग, पाइलाइन या एनएलजी टर्मिनल में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की शर्त थी. इस बारे में आवेदन तय फॉर्म में सीधे मंत्रालय को किया जा सकता है.

  • 6/8

खुदरा बिक्री के लिए इकाइयों को कम से कम 100 खुदरा बिक्री केन्द्र स्थापित करने होंगे. मतलब ये कि कम से कम 100 पेट्रोल पंप खोलने होंगे. जाहिर सी बात है कि पेट्रोल पंप के डीलरशिप का इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक मौका बनेगा.  

Advertisement
  • 7/8

—नवंबर, 2019 के नियम के मुताबिक परिचालन शुरू करने के तीन साल के भीतर कम से कम एक वैकल्पिक ईंधन मसलन सीएनजी, एलएनजी या जैव ईंधन या इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सुविधाओं को लगाना अनिवार्य होगा.

  • 8/8

— खुदरा विक्रेताओं को पांच साल में कम से पांच प्रतिशत बिक्री केन्द्र ग्रामीण इलाकों में स्थापित करने होंगे.

—नई नीति से ईंधन के खुदरा कारोबार में विदेशी सहित निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी. बता दें कि सरकार ने नवंबर, 2019 में उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर इनमें बदलाव किए गए.

Advertisement

लेटेस्ट फोटो

Advertisement