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बढ़ने वाला है रेल किराया, वसूली के लिए मोदी सरकार की तैयारी

aajtak.in
  • 13 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:07 AM IST
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अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं तो आने वाले वक्‍त में आपको झटका लग सकता है. भारतीय रेलवे यात्रियों से अभी के मुकाबले अधिक किराया वसूली की तैयारी में है. इसको लेकर जल्द ही नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा. आइए समझते हैं पूरे मामले को..

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दरअसल, रेलवे के पुनर्विकसित स्टेशनों पर उपलब्ध जनसुविधाओं के लिए एयरपोर्ट की तर्ज पर शुल्क लिए जाएंगे. यहां बता दें कि हवाई यात्रा में जनसुविधा विकास शुल्क (यूडीएफ) टैक्‍स का हिस्सा होता है, जिसका हवाई यात्री भुगतान करते हैं. अब रेलवे में भी यह शुल्‍क लगाया जाएगा.

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इसकी जानकारी देते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया, ‘जनसुविधा विकास शुल्क एयरपोर्ट परिचालकों की ओर से लिए जा रहे शुल्क की तरह होंगे. इसके जरिए स्टेशनों के विकास के लिए धन की व्यवस्था होगी. यह शुल्क बहुत मामूली होगा.’’

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वीके यादव के मुताबिक सुविधा शुल्क की वजह से किराए में मामूली बढ़ोतरी होगी लेकिन इससे यात्रियों को विश्व स्तरीय स्टेशनों की सुविधा का एहसास होगा.

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हालांकि, नए विकसित रेलवे स्टेशनों पर शुल्क वहां आने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होगी.  रेलवे मंत्रालय जल्द ही शुल्क के रूप में वसूली जाने वाली राशि से संबंधित नोटिफिकेशन जारी करेगा.

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मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में 400 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने की घोषणा की थी. योजना के तहत स्टेशनों के विकास पर खर्च होने वाली रकम स्टेशन के आसपास की जमीन को विकसित कर एकत्र किया जाएगा.

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वहीं सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुनर्विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) के जरिये 2020-2021 में पूरे देश में 50 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए टेंडर जारी करने की योजना बनाई है और इसपर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव है.

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यहां बता दें कि सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने अक्टूबर, 2019 में स्टेशन पुनर्विकास योजना में देरी होने पर रेल मंत्रालय की खिचांई की थी. आयोग ने 50 स्टेशनों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्विकास करने के लिए शीर्ष नौकरशाहों की अधिकार प्राप्त समूह बनाने की सिफारिश की थी.

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