वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भले ही देश की इकोनॉमी में सुधार के दावे कर रही हों लेकिन आर्थिक आंकड़े बताते हैं कि अब भी सबकुछ ठीक नहीं है. बीते 1 फरवरी को आम बजट के बाद के कुछ आंकड़ों ने सरकार की चुनौती बढ़ा दी है तो वहीं आम लोगों पर भी महंगाई की मार पड़ी है. आइए, जानते हैं ऐसे ही कुछ आर्थिक आंकड़ों के बारे में..
ऑटो सेक्टर में मंदी बरकरार
देश के ऑटो सेक्टर की बिक्री में गिरावट का सिलसिला नए साल में भी जारी है. जनवरी महीने में सभी श्रेणी के वाहनों की कुल बिक्री 13.83 फीसदी घटकर 17,39,975 इकाई रह गई. यही नहीं, यात्री वाहनों की बिक्री भी 6.20 फीसदी की गिरावट के साथ 2,62,714 इकाई रही.
खुदरा महंगाई दर इससे पहले दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी दर्ज की गई थी, जबकि पिछले साल जनवरी 2019 में खुदरा महंगाई दर 1.97 फीसदी दर्ज की गई थी. आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक जनवरी 2018 में शून्य से 2.24 फीसदी कम था, जोकि इस साल जनवरी में बढ़कर 13.63 फीसदी हो गया.
रसोई गैसे सिलेंडर के लिए अब उपभोक्ताओं को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 144.50 रुपये, 149 रुपये, 145 रुपये और 147 रुपये अधिक देने पड़ेंगे, जिससे गृहिणियों के रसोई का बजट बिगड़ेगा. देश के चार प्रमुख महानगरों दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में रसोई गैस सिलेंडर का दाम बढ़कर अब क्रमश: 858.50 रुपये, 896 रुपये, 829.50 रुपये और 881 रुपये हो गया है.
एक साल पहले दिसंबर 2018 में देश के औद्योगिक उत्पादन में 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी. यहां बता दें कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में दिसंबर 2018 के दौरान 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी.