सीमा पर चीन की हरकतों से पूरे देश में गुस्सा है. सरकार से मांग की जा रही है कि चीन पर चौरतफा दबाव बनाया जाए, ताकि भविष्य में वो ऐसी हरकतें करने से पहले सौ बार सोचे. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. (Photo: File)
सरकार के साथ-साथ व्यापारिक संगठनों से चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एक तरह व्यापारिक संगठन कैट ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार और भारतीय वस्तुओं को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रीय अभियान को और तेज कर दिया है. (Photo: File)
वहीं अब गौतमबुद्धनगर एमएसएमई एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने खत लिखकर नोएडा स्थित सभी फैक्ट्रियों से चीनी उत्पाद का इस्तेमाल न करने की अपील की है. नोएडा में करीब 20 हजार (MSME) कंपनियां हैं. कंपनियों ने भी फैसला किया है कि वे चीनी प्रोडक्ट और उपकरण का बायकॉट करेंगे.
इस बीच, बुधवार को टेलीकॉम मंत्रालय ने BSNL को चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने BSNL को निर्देश दिया है कि अपने कामकाज में चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करें. अगर कोई बिडिंग है तो उसपर नए सिरे से विचार करें. इसके अलावा संचार मंत्रालय ने निजी कंपनियों को भी हिदायत दी है कि इस दिशा में वे भी नए सिरे से विचार करके पुख्ता निर्णय लें. (Photo: File)
गौरतलब है कि कैट ने चीनी प्रोडक्ट्स के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 'भारतीय सामान- हमारा अभिमान' के नाम से एक कैंपेन शुरू किया है. संगठन ने 500 सामानों की सूची तैयार की है, जिसे चीन से नहीं मंगाने का फैसला लिया गया है. (Photo: File)
कैट ने सरकार से चीनी कम्पनियों को दिए गए ठेकों को तुरंत रद्द करने और भारतीय स्टार्टअप में चीनी कंपनियों द्वारा निवेश को वापस करने के नियमों को बनाने जैसे कुछ तत्काल कदम उठाने का भी आग्रह किया है.