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इन 3 सरकारी बैंकों का होगा निजीकरण? नीति आयोग की सरकार को सलाह

aajtak.in
  • 02 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 3:28 PM IST
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बैंकिंग सेक्टर को घाटे से उबारने के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं. सरकार का कहना है कि जितने कम सरकारी बैंक होंगे, उतने बेहतर तरीके से काम-काज होगा और बैंकों की आर्थिक सेहत भी सुधरेगी. (Photo: File)

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इसी कड़ी में अब नीति आयोग ने सरकार से सिफारिश की है कि वह तीन सरकारी बैंकों का निजीकरण कर दे. नीति आयोग का कहना है कि सरकार पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र प्राइवेट के हाथों में सौंप दे. CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा नीति आयोग ने सभी ग्रामीण बैंकों के मर्जर का भी सुझाव दिया है. (Photo: File)

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दरअसल सरकार की योजना है कि देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटाकर 5 कर दी जाए. इससे पहले सरकार ने अप्रैल में 10 बैंकों का विलय करके 4 बैंक कर दिए. यही नहीं, नीति आयोग ने सरकार से NBFC को अधिक छूट देने की भी सिफारिश की है. (Photo: File)

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अगर सरकार नीति आयोग की सिफारिश को मानती है तो फिर उसे पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के निजीकरण के लिए बैंकिंग कंपनीज (एक्वीजिशन एंड ट्रांसफर) एक्ट 170 में संशोधन करना होगा. क्योंकि इन बैंकों के निजीकरण के बाद इनका मालिकाना हक निजी हाथों में चला जाएगा. (Photo: File)

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लगातार हो रहा घाटा सबसे बड़ी वजह
दरअसल इन बैंकों से सरकार को लगातार नुकसान हो रहा है, क्योंकि ये बैंक लगातार घाटे में चल रहे हैं. ऐसे में नीति आयोग ने इससे निपटने का रास्ता निकालते हुए इनके निजीकरण का सुझाव दिया है. सरकार का मानना है कि जितने अधिक बैंक होते हैं, फर्जीवाड़े के मामले उतने अधिक सामने आते हैं. (Photo: File)

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यही नहीं, पिछले दिनों ये भी खबर थी कि सरकार नुकसान में चल रही इंडिया पोस्ट को ग्रामीण बैंकों के साथ विलय कर सकती है. जिसके बाद एक नया पब्लिक सेक्टर बैंक बनेगा, जो इसे घाटे से उबारने का काम करेगा. (Photo: File)

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भारत सरकार अपने आधे से भी अधिक पब्लिक सेक्टर बैंकों की हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है, जिसकी शुुरुआत बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक के अपने शेयर्स बेचने से हो सकती है. (Photo: File)

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गौरतलब है कि 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकों और एनबीएफसी के प्रमुखों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में बैंकिंग सेक्टर को फिर से पटरी पर लाने के उपायों पर चर्चा हुई थी. बैंकों से कहा गया कि आप लोन देने में हिचके नहीं, सरकार आपके साथ है. (Photo: File)

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