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प्रवासी मजदूरों के लिए राहत, आज से देश में 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' लागू

aajtak.in
  • 01 जून 2020,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST
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कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों और गरीब तबके लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है. आज से देशभर में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' को लागू किया जा रहा है. एक जून से देश में इसकी शुरुआत 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हो रही है. सरकार इस योजना पर तेजी से काम कर रही थी. अब जिसके पास राशन कार्ड नहीं है, वह किसी भी राज्य में इस कार्ड के लिए अप्लाई कर सकता है.

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दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर राहत पैकेज की घोषणा के दौरान 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' का जिक्र किया था. इस कल्याणकारी योजना के तहत देश के गरीबों को किफायती कीमत पर देश के किसी भी हिस्से में सस्ते दाम पर राशन मिलेगा. राशन कार्ड का सबसे ज्यादा फायदा BPL (गरीबी रेखा के नीचे) कार्ड धारकों को मिलता है.

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निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह योजना सार्वजनिक वितरण से जुड़ी 83 फीसदी आबादी को कवर करेगी. वहीं 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त, 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत आ जाएंगे. हालांकि, मार्च 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल कर ली जाएगी.

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क्या है वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना
'वन नेशन वन राशन कार्ड' केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिसके तहत पूरे देश में पीडीएस के लाभार्थियों को कहीं भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चलने वाली राशन की दुकानों से राशन मिलेगा. यानी किसी भी राज्य का राशन कार्ड धारक दूसरे किसी भी राज्य में भी कार्ड दिखाकर राशन ले सकेगा. उदाहरण के तौर पर किसी का बिहार में राशन कार्ड बना हुआ है और वो दिल्ली में काम करता है तो वो बिहार के राशन कार्ड से दिल्ली में राशन ले सकेगा.

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मान लीजिए कि रोहित कुमार झारखंड का निवासी है और उसका राशन कार्ड भी झारखंड का है. वह इस राशन कार्ड के जरिए बिहार या दिल्ली में भी उचित मूल्य पर सरकारी राशन खरीद सकेगा. सरकार का कहना है कि इससे भ्रष्‍टाचार और फर्जी राशन कार्ड में कमी आएगी. मतलब कि किसी भी तरह की सीमा या नियमों का बंधन नहीं होगा. वह देश के किसी भी राज्य में राशन खरीद सकता है. अहम बात ये है कि इसके लिए किसी नए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी. मतलब ये कि आपके पुराने राशन कार्ड ही इसके लिए मान्य होंगे.

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वन नेशन, वन राशन कार्ड के फायदे
इस योजना के लागू हो जाने के बाद पूरे देश में एक ही तरह का राशन कार्ड होगा. लाभार्थी देश में कहीं भी ई-पीओएस उपकरण पर बॉयोमेट्रिक प्रमाणन करने के बाद अपने मौजूदा राशन कार्ड से राशन ले सकते हैं. लाभार्थियों को अंगूठा लगाना अनिवार्य होगा, यही प्रमाण होगा. बॉयोमेट्रिक इस्तेमाल में आधार का इस्तेमाल होगा यानी आधार से लाभार्थियों की पहचान होगी.

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राशन कार्ड 10 नंबर का होगा
केंद्र सरकार राज्यों को 10 अंकों का राशन कार्ड नंबर जारी करेगी. इस नंबर में पहले दो अंक राज्य कोड होंगे और अगले दो अंक राशन कार्ड नंबर होंगे. इसके अतिरिक्त राशन कार्ड नंबर के साथ एक और दो अंकों के सेट को जोड़ा जाएगा. इसे देश भर में लागू करने के लिए राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू होगी.

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फर्जी राशन कार्ड पर लगेगी लगाम
इस योजना से सरकार को उम्मीद है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और फर्जी राशन कार्ड नहीं बन पाएगा. गौरतलब है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश में करीब 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को सस्ते दाम पर खाद्यान्न मुहैया करवाती है.

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पुराने राशन कार्ड का क्या होगा?
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि 'वन नेशन, वन राशन' कार्ड योजना लागू होने के बाद भी पुराना राशन कार्ड चलता रहेगा. उसी को केवल नये नियम के आधार पर अपडेट कर दिया जाएगा, जिससे वो पूरे देश में मान्य हो जाएगा. राशन कार्ड धारकों को चावल और गेहूं सस्ते दाम पर मिलता है. चावल 3 रुपये किलो और गेहूं 2 रुपये किलो मिलता है.

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बता दें, वन नेशन, वन राशन कार्ड की योजना 1 जनवरी 2020 से 12 राज्यों में चालू है. ये राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा हैं. वहीं 1 जून से अब यह देशभर में लागू हो गई है.

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