डिजिटल इंडिया के दौर में बैंकिंग फ्रॉड की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. फेक कॉल या मैसेज के जरिए ग्राहकों से निजी जानकारियां लेकर उनके अकाउंट की सेंधमारी की जा रही है.
इससे बचने के लिए बैंकों की ओर से ग्राहकों को समय-समय पर अलर्ट भी जारी किया जाता है. हालांकि, अब पेटीएम पेमेंट बैंक (पीपीबी) ने फ्रॉड कॉल या मैसेज से निपटने के लिए एक अलग तरह का काम किया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पेटीएम पेमेंट बैंक ने गृह मंत्रालय, ट्राई और सीईआरटी-इन को 3,500 फोन नंबरों की सूची सौंपी है. इन फोन नंबरों के जरिये भोले भाले ग्राहकों को धोखाधड़ी के जाल में फंसाने के लिए कॉल किया जाता है.
यही नहीं, पेटीएम पेमेंट बैंक ने फ्रॉड को रोकने के लिए इन लोगों के खिलाफ साइबर सेल में भी प्राथमिकी दर्ज की है. यहां बता दें कि ट्राई टेलीकॉम कंपनियों को रेग्युलेट करने वाली संस्था है जबकि सीईआरटी- इन कंप्यूटर सुरक्षा संबंधी मामलों में कार्रवाई करने वाली एजेंसी है.
पेटीएम पेमेंट बैंक की ओर से कहा गया कि इन नंबरों की पहचान कर भविष्य में धोखाधड़ी और घोटालों को विधि प्रवर्तन एजेंसियों, नियामकों और दूरसंचार आपरेटरों के सहयोग से रोका जा सकता है. पेटीएम पेमेंट बैंक के मुताबिक फेक कॉल या मैसेज की वजह से डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहक प्रभावित हो रहे हैं.
इन बैंकों को बड़ी रकम जमा के तौर पर स्वीकार करने की इजाजत नहीं होती है. इसके अलावा ये बैंक लोन नहीं दे सकते हैं. हालांकि एटीएम/डेबिट कार्ड जरूर जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड नहीं मिल सकता है.