कोरोना संकट की वजह से बड़े उद्योग से लेकर दिहाड़ी मजदूर तक प्रभावित हुए हैं. उद्योग-धंधे फिर से शुरू हो गए हैं. लेकिन बड़े पैमाने पर ऐसे लोग हैं, जो रेहड़ी-पटरी या फिर खोमचा लगाकर अपने परिवार का गुजारा करते थे. उनका कारोबार शुरू नहीं हो पाया है. (Photo: File)
दरअसल, कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से पहले रेहड़ी-पटरी लगना बंद हो गया था और फिर जब दोबारा से लगाने की इजाजत मिली, तो फिर पूंजी के अभाव में काम शुरू नहीं हो पाया है. क्योंकि जो पूंजी थी वो लॉकडाउन के दौरान खर्च हो गई. (Photo: File)
ऐसे लोगों को दोबारा कारोबार शुरू करने के लिए मोदी सरकार पूंजी मुहैया करा रही है. ताकि रेहड़ी-पटरी और खोमचे वाले फिर से अपना कारोबार शुरू करें और अपने परिवार का खुशहाली से भरण-पोषण करें. (Photo: File)
अगर आप पूंजी के अभाव में रेहड़ी-पटरी नहीं लगा पा रहे हैं तो बिना गारंटी आप 10,000 रुपये तक लोन ले सकते हैं. इस स्कीम का नाम पीएम स्वनिधि योजना है. इसके लिए आप अपने नजदीकी बैंक में जाकर इस योजना के तहत 10 हजार रुपये लोन लेकर कोराबार शुरू कर सकते हैं. (Photo: File)
कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत यह योजना की है. अब तक करीब 2.6 लाख रेहड़ी-पटरी वाले लोन के लिए आवेदन कर चुके हैं. इनमें से 64,000 को स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि 5,500 को लोन लेकर अपना कारोबार शुरू कर चुके हैं. (Photo: File)
दरअसल, पीएम स्वनिधि योजना रेहड़ी पटरी (स्ट्रीट वेंडर्स) वालों के लिए ही लॉन्च की गई है. इसके तहत रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार का लोन मिलेगा. खुद पीएम मोदी का कहना है कि इस योजना का मकसद सिर्फ कर्ज देना नहीं है, बल्कि रेहड़ी-पटरी वालों के समग्र विकास और आर्थिक उत्थान के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए. (Photo: File)
मोदी सरकार लगातार इस योजना की समीक्षा कर रही है. अभी तक केवल 5500 लोगों को यह लोन मिला है, जबकि 50 लाख लोगों को देने का लक्ष्य रखा गया है. इसलिए अगर आप स्ट्रीट वेंडर्स हैं तो फिर आज ही अप्लाई करें. (Photo: File)
सबसे खास बात यह है कि इस योजना के तहत कर्ज लेने के लिए कोई गारंटी देने की जरूरत नहीं है. रेहड़ी-पटरी वालों को यह कर्ज एक साल में मासिक किस्तों में लौटाना होगा. कर्ज समय पर चुकाने वाले लोगों को 7 फीसदी सालाना की ब्याज सब्सिडी भी मिलेगी. साथ में 1200 रुपये तक की कैशबैक की भी सुविधा है. (Photo: File)
गांव हो या शहर, हर जगह के रेहड़ी-पटरी वाले अगले एक साल तक इस योजना के तहत 10 हजार रुपये तक लोन ले सकते हैं. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के आईटी प्लेटफॉर्म 'पीएम स्वनिधि' के माध्यम से 2 जुलाई, 2020 से कर्ज देने की शुरुआत हो गई है. सिडबी इस योजना के लिए क्रियान्वयन एजेंसी है. (Photo: File)