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टिकट पर आपकी जेब से जाएंगे 4 पैसे, रेल को मिलेंगे 2300 करोड़

दिनेश अग्रहरि
  • 02 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:02 AM IST
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भारतीय रेलवे ने नए साल पर यात्री किराए में बढ़ोतरों  कर मुसाफिरों को झटका दिया है. रेलवे ने विभिन्न श्रेणियों के किराये में 1 पैसे लेकर 4 पैसे प्रति किलोमीटर तक ही बढ़त ही है, लेकिन इस बढ़त से ही रेलवे को सालाना करीब 2,300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हो जाएगी. यह बढ़त बुधवार यानी एक जनवरी से ही लागू हो गई है.

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रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेन के लिए 2 पैसे प्रति किलोमीटर और एसी ट्रेन के किराए में 4 पैसे प्रति किमी की बढ़ोतरी की है. नए साल की पूर्व संध्या पर रेल यात्री किराया बढ़ाए जाने को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला बोला और इसे सरकार का लोगों को न्यू ईयर गिफ्ट बताया. हालांकि उपनगरीय किराये में कोई बढ़त नहीं की गई है.

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चढ़ गए IRCTC के शेयर -
रेल मंत्रालय के इस ऐलान के बाद बुधवार को इंडियन रेलवे कैटरिंग और टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के शेयर चढ़ गए. कारोबार के अंत में IRCTC का शेयर भाव करीब 10 रुपये की बढ़त के साथ 944 पर पहुंच गया. रेलवे के टिकटों की ऑनलाइन बिक्री IRCTC के द्वारा ही की जाती है.

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रेलवे ने कहा है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर यात्री सुख-सुविधाओं को बढ़ाने के लिए यह जरूरी हो गया था कि यात्री किराये में बढ़त की जाए. लेकिन किसी भी वर्ग पर बोझ न डालते हुए मामूली बढ़त की गई है. इससे रेलवे के आधुनिकीकरण कार्य में भी तेजी आएगी.

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कितनी होगी बढ़त-
बढ़े हुए किराये को इस तरह से समझा जा सकता है. नई दिल्ली से पटना की दूरी करीब 1000 किलोमीटर है. अगर आप नई दिल्ली से पटना तक ऑर्डिनरी नॉन एसी ट्रेन से सफर करते हैं तो बढ़े हुए किराए के मुताबिक आपको 10 रुपये ज्यादा देने होंगे.

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अगर आप नई दिल्ली से पटना के लिए नॉन एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करते हैं तो आपको 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी के हिसाब से 20 रुपये ज्यादा देने होंगे. वहीं, इसी सफर को अगर आप एसी क्लास में तय करते हैं तो आपको 40 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे.

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भारी घाटे से उबरने में मिलेगी मदद-
रेलवे को इस वित्त वर्ष में नवंबर महीने तक ही करीब 20000 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो बढ़कर 121 फीसदी पहुंच गया है. ऑपरेटिंग रेश्यो ज्यादा होने का मतलब यह है कि 100 रुपये की इनकम के लिए रेलवे को 121 रुपये खर्च करने पड़ते हैं.


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पिछले तीन साल में रेलवे को 78 हजार करोड़ का घाटा -
भारतीय रेलवे को पिछले तीन वर्षों में 78 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है. वजह है कि यात्रियों को बेचे टिकट से संचालन की लागत ही नहीं वसूल हुई.

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रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की ओर से लोकसभा में दिए जवाब में यह बात सामने आई थी. उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान परिचालन लागत से कम यात्री किराया होने के कारण रेलवे को हानि हुई है.

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उन्होंने बताया कि 2015-16 में 22,262 करोड़, 2016-17 में 25,561 करोड़ और 2017-18 में 31,128 करोड़ रुपये की हानि हुई है.

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