कोरोना संकट की वजह से अगर कोई सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है तो वो टूरिज्म सेक्टर है. लॉकडाउन के पहले से ही जो इस इंडस्ट्रीज पर ताला लटका है, उसके खुलने के फिलहाल आसार नहीं दिख रहे हैं. यह सेक्टर लगातार आर्थिक मदद की गुहार लगा रहा है. (Photo: File)
दरअसल, कोरोना संकट की वजह से भारी दबावों से जूझ रही टूरिज्म इंडस्ट्री को राहत मिल सकती है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को इसके संकेत दिए हैं. शक्तिकांत दास के मुताबिक टूरिज्म सेक्टर देश के लिए नया सनराइज सेक्टर साबित हो सकता है, इस सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा होने की संभावना है. (Photo: File)
खबर है कि संकटग्रस्त टूरिज्म इंडस्ट्री की मदद के लिए सरकार चर्चा कर रही है. सोमवार को CII नेशनल काउंसिल में शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ने की जरूरत है. (Photo: File)
उन्होंने कहा कि इस महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरीके से प्रभावित हुई हैं. लगातार हालात को सामान्य करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. कोरोना संकट की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए फंड सेट-अप करने का सुझाव रखा गया है. जिसपर सरकार विचार कर रही है. (Photo: File)
गौरतलब है कि पिछले करीब 4 महीने से टूरिज्म इंडस्ट्रीज पर ताला लटका हुआ है. जिससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हुई है. जबकि यह एक ऐसा सेक्टर है, जहां संगठित और असंगठित रूप से सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर हैं और इसे क्षेत्र से लोग जुड़े हुए थे. (Photo: File)
इसलिए बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार का अब टूरिज्म इंडस्ट्रीज पर खास ध्यान है. वहीं कोरोना संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती कर सकता है. (Photo: File)
जानकारों के मुताबिक अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 फीसदी की और कटौती कर सकता है. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन चलने वाली बैठक चार अगस्त से शुरू होनी है और 6 अगस्त को इस बारे में कोई घोषणा की जाएगी. (Photo: File)