बीते 1 फरवरी को आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब का जिक्र किया. वैसे तो ये नया टैक्स स्लैब ऑप्शनल है, लेकिन इसको लेकर लोगों के मन में अलग-अलग तरह का कन्फ्यूजन है.
लोग जानना चाहते हैं कि उनके लिए नया टैक्स स्लैब बेहतर है या फिर पुराने स्लैब में ही रहना सही है. इन सभी सवालों का जवाब देने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ई-कैलकुलेटर पेश किया है.
इस कैलकुलेटर के जरिये टैक्सपेयर अगर छूट और कटौती को छोड़ते हुए नए टैक्स स्लैब के तहत आयकर रिटर्न भरने का विकल्प चुनते हैं तो वे अपनी कर देनदारी का आकलन कर सकेंगे. सरकार ने बजट में टैक्सपेयर्स को आयकर रिटर्न भरने के मामले में विकल्प दिया है.
यह कैलकुलेटर, विभाग की आधिकारिक ई-फाइलिंग वेबसाइट-https://www.incometaxindiaefiling.gov.in पर उपलब्ध होगा. इसमें टैक्सपेयर यह देख पाएंगे कि पुरानी और नई टैक्स स्लैब में उन्हें कितना टैक्स देना होगा.
वेब पोर्टल का उपयोग टैक्सपेयर्स इलेक्ट्रानिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने में करते हैं. इसके जरिये सामान्य नागरिक (60 साल से कम), वरिष्ठ नागरिक (60 से 79) और अति वरिष्ठ नागरिक (79 साल से ऊपर) सभी स्रोत से अपनी सालाना आय, कुल कटौती और छूट का आकलन कर यह पता लगा सकते हैं कि पुरानी या नई व्यवस्था में उनकी टैक्स देनदारी कितनी बनेगी.
बता दें कि मौजूदा आयकर व्यवस्था में 50,000 रुपये की मानक कटौती और आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत एलआईसी प्रीमियम, भविष्य निधि समेत विभिन्न बचत योजनाओं में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट जैसे प्रावधान लागू हैं.
इसमें विभिन्न आय स्तरों पर 5 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है.