इंडिया टुडे कॉनक्लेव के दूसरे दिन यानि शनिवार को कला, साहित्य और राजनीति जगत के तमाम दिग्गज एक साथ जमा हुए. कॉनक्लेव के मंच पर सभी ने अपने-अपने सेशन्स में अपने विचार व्यक्त किए. यामी गौतम से लेकर सयानी गुप्ता, मीर आसिफ और पाओली दाम तक सभी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए.
Bollywood vs Others: No screen for Regional Films सेशन में मॉड्रेटर सुशांत मेहता से बातचीत के दौरान सयानी गुप्ता ने कहा कि हिंदी इस देश की राष्ट्रीय भाषा नहीं है. बाकी भाषाओं का भी सम्मान होना चाहिए और समान अधिकार मिलने चाहिए.
इसी सेशन में पाओली डैम ने भी हिंदी सिनेमा और बाकी रीजनल सिनेमाओं को समानता मिलने को लेकर अपने विचार व्यक्त किए.
परंब्रता चटर्जी ने इसी सेशन में बताचीत के दौरान कहा कि रीजनल सिनेमा के रीजनल कहे जाने से बेहतर है कि उसे लैंग्वेज सिनेमा कहा जाए. क्योंकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि हिंदी सिनेमा नेशनल सिनेमा है.
इसी सेशन में अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों को स्क्रीन्स मिलने के मामले में होने वाले भेदभाव को लेकर बातें हुईं. अनिक दत्ता ने कहा कि हिंदी फिल्मों को ज्यादा स्क्रीन्स मिलती हैं और क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को बहुत कम स्क्रीन्स में संतुष्ट होना पड़ता है.
(Image Source: Vikram Sharma/Yasir Iqbal)